डब्ल्यूएचओ: कोविड-19 जल्द खत्म होगा यह सोचना ‘असामयिक’, ‘अवास्तविक’

डब्ल्यूएचओ: कोविड-19 जल्द खत्म होगा यह सोचना ‘असामयिक’, ‘अवास्तविक’

  •  
  • Publish Date - March 2, 2021 / 10:59 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:48 PM IST

जिनेवा, दो मार्च (एपी) विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह सोचना “असामयिक” और “अवास्तविक” होगा कि साल के अंत तक महामारी रुक जाएगी, लेकिन यह हो सकता है कि हाल में आए प्रभावी टीकों से बीमारी की वजह से लोगों के अस्पताल में भर्ती होने और मौत के मामलों में काफी गिरावट आए।

डब्ल्यूएचओ के आपातकालीन कार्यक्रमों के निदेशक डॉ. माइकल रेयान ने सोमवार को कहा कि फिलहाल दुनिया का एक मात्र ध्येय कोविड-19 के प्रसार को जहां तक हो सके कम रखना होना चाहिए।

उन्होंने मीडिया से कहा, “अगर हम स्मार्ट हैं तो हम इस महामारी से जुड़े अस्पताल में भर्ती होने और मौत के मामलों को साल के अंत तक खत्म कर सकते हैं।”

रेयान ने कहा कि डब्ल्यूएचओ उन आंकड़ों को लेकर आश्वस्त है कि लाइसेंस प्राप्त कई टीके विषाणु के विस्फोटक प्रसार को रोकने में मददगार प्रतीत हो रही हैं।

उन्होंने कहा, “अगर टीके ने सिर्फ मौत और अस्पताल में भर्ती होने के मामलों पर असर डालने के अलावा बीमारी के प्रसार पर भी अहम प्रभाव डाला तब मेरा मानना है कि हम इस महामारी को नियंत्रित करने की तरफ आगे बढ़ेंगे।”

रेयान ने हालांकि किसी तरह की ढिलाई बरतने को लेकर चेताते हुआ कहा कि महामारी के बदलते स्वरूप के कारण किसी भी चीज की गारंटी नहीं है।

उन्होंने कहा, “अभी विषाणु पर काफी हद तक नियंत्रण है।”

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने इस बीच कहा कि यह “खेदजनक” है कि अमीर देशों में युवा और स्वस्थ्य वयस्कों को टीका लगाया जा रहा है जबकि विकासशील देशों में जोखिम के दायरे में आने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया जाना अभी बाकी है।

टेड्रोस अदनोम घेब्रेयेसस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के समर्थन वाले कोवैक्स प्रयास से इस हफ्ते घाना और आइवरी कोस्ट में टीकाकरण शुरू हुआ लेकिन उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा जैसे देशों द्वारा अपनी आबादी को टीका लगाना शुरू करने के तीन महीने बाद वहां यह कार्यक्रम पहुंचा है।

उन्होंने कहा, “देशों की एक दूसरे से होड़ नहीं है। यह वायरस के खिलाफ साझी होड़ है। हम देशों को अपनी आबादी को टीका नहीं लगाने की सलाह नहीं दे रहे हम सिर्फ इतना कह रहे हैं कि सभी देशों को हर जगह वायरस को दबाने के वैश्विक प्रयासों का हिस्सा बनना चाहिए।”

एपी

प्रशांत माधव

माधव