वैगनर ग्रुप क्या है…जानें कैसे बढ़ा और किसने की इसकी शुरुआत?

what is wagner group वैगनर ग्रुप क्या है? क्यों बगावत करने के बाद लिया फैसला वापस, जानें कैसे बढ़ा और किसने की इसकी शुरुआत

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  • Publish Date - June 25, 2023 / 10:58 AM IST,
    Updated On - June 25, 2023 / 10:58 AM IST

what is wagner group: मास्को। रूस में शुक्रवार रात को तख्तापलट की कोशिश हुई। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रति वफादार रहे लड़ाकों के संगठन वैगनर ग्रुप ने यूक्रेन की सीमा के नजदीक स्थित रोस्तोव के सैन्य मुख्यालय पर कब्जा करने के बाद मास्को के लिए कूच कर दिया। हालांकि, वैगनर प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन को बेलारूस के राष्ट्रपति द्वारा समझाने के बाद वैगनर सेना पीछे हट गई है। रूस के सैन्य नेतृत्व के खिलाफ प्रिगोझिन द्वारा किए गए सशस्त्र विद्रोह को समाप्त करने के लिए बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको द्वारा कराए गए एक समझौते के तहत वो बेलारूस जाएंगे।

बेलारूस के राष्ट्रपति ने करवाई मध्यस्थता

what is wagner group: वैगनर सेना को रोकने के लिए रूसी सेना ने हेलीकाप्टरों से फायरिंग की, जवाबी फायरिंग में लड़ाकों ने एक हेलीकाप्टर को मार गिराया। लेकिन शनिवार रात बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको के समझाने पर वैगनर प्रमुख येवगेनी प्रिगोजिन ने अपने लड़ाकों को लौटने के लिए कह दिया है।

क्या है वैगनर ग्रुप?

what is wagner group: वैगनर समूह को आधिकारिक तौर पर PMC वैगनर कहा जाता है। यह समूह 2014 में पहली बार चर्चा में आया। तब यह समूह पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थक अलगाववादियों की मदद कर रहा था। उस समय यह एक गुप्त संगठन था। इस संगठन पर दुनियाभर के अलग-अलग देशों में रूसी सरकार के लिए छद्म युद्ध लड़ने के आरोप लगे। कहा जाता है कि यह संगठन अफ्रीका और मध्य पूर्व में सक्रिय था। खासतौर पर लीबिया, सीरिया, मोजाम्बिक, माली, सूडान और मध्य अफ्रीका के देशों में इस समूह के गृह युद्ध में शामिल होने के आरोप लगे।

what is wagner group: वैगनर ग्रुप 2015 से 2018 के बीच वैगनर ग्रुप रूस की सेना और बशर अल-असद की टुकड़ियों के साथ भी लड़ा है। इस समूह को रूस की निजी सैन्य कंपनी के तौर पर जाना जाता है। पिछले साल युद्ध शुरू होने के बाद रूस की तरफ से इस ग्रुप को यूक्रेन के राष्ट्रपति को ही निशाना बनाने की सुपारी दी गई थी। बताया गया था कि रूस ने किराए पर काम करने वाले हत्यारों के समूह-वैगनर ग्रुप को जेलेंस्की की हत्या का जिम्मा सौंपा था।

अभी क्या हुआ है?

what is wagner group: वैगनर समूह के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन ने शनिवार को रूसी सैन्य नेतृत्व को उखाड़ फेकने का ऐलान कर दिया। प्रिगोझिन ने आरोप लगाया रूसी सैन्य नेतृत्व उनके लोगों पर हमले करा रहा है। प्रिगोझिन के ऐलान के चंद घंटे पहले ही रूसी रक्षा मंत्रालय ने प्रिगोझिन पर सशस्त्र विद्रोह करने का आरोप लगाया था। दरअसल, बीते कुछ महीनों से प्रिगोझिन लगातार रूसी रक्षा मंत्री, सर्गेई शोइगु और यूक्रेन में सेना के प्रमुख वालेरी गेरासिमोव पर हमलावर हैं। प्रिगोझिन का आरोप है कि ये दोनों अधिकारी जानबूझकर वैगनर लड़ाकों को कम आपूर्ति कर रहे हैं।

what is wagner group: इस बीच रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि यूक्रेन में “स्वयंसेवक संरचनाओं” को जून के अंत तक सरकार के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर करना होगा। सरकार की इस घोषणा में वैगनर समूह का नाम नहीं लिया गया था, लेकिन इस कदम को सरकार द्वारा वैगनर समूह पर अधिक नियंत्रण हासिल करने के प्रयास के रूप में देखा गया। इसके बाद प्रिगोझिन ने बयान जारी कर घोषणा की कि उनकी सेना इस तरह के किसी भी अनुबंध का बहिष्कार करेगी।

कैसे बढ़ा वैगनर समूह?

what is wagner group: शुरुआत में इस संगठन के करीब पांच हजार लड़ाके थे। धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ती गई। इस वक्त इस समूह के करीब 50 हजार लड़ाके यूक्रेन में रूस की ओर से लड़ रहे हैं। जनवरी में ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय की ओर से यह दावा किया गया था। इसमें कहा गया कि 2022 से इस संगठन ने बड़े पैमाने पर लड़ाकों की भर्ती शुरू की है, क्योंकि रूसी सेना में नियमित सैनिकों की भर्ती में मुश्किल हो रही थी।

what is wagner group: इसी साल की शुरूआत में अमेरिकी नेशनल सिक्युरिटी काउंलिस ने दावा किया था कि करीब 80 फीसदी वैगनर लड़ाके यूक्रेन युद्ध में हिस्सा ले रहे हैं। दिलचस्प बात है कि रूस में भाड़े की सैनाएं गैर-कानूनी हैं। इसके बाद भी वैगनर समूह एक कंपनी में पंजीकृत है, इसका मुख्यालय सेंट पीटर्सबर्ग में है। इस कथित प्रतिबंध के बाद भी यह संगठन रूस के अलग-अलग शहरों में बड़े पैमाने पर भर्ती कर रहा है।

किसने की वैगनर समूह की शुरुआत?

what is wagner group: रूस के पूर्व सैन्य अधिकारी दिमित्री उत्किन को इस संगठन की शुरुआत करने वाला माना जाता है। रूसी सेना में लेफ्टिनेंट रह चुके उत्किन चेचेन्या युद्ध का भी हिस्सा रहे हैं। इसके साथ ही रूसी खुफिया एजेंसी-जीआरयू में वह काम कर चुके हैं। ऐसा माना जाता है कि उत्किन ने अपने पूर्व रेडियो कॉल साइन के नाम पर समूह का नाम रखा और क्रेमलिन के साथ संबंध बनाए रखा था। हालांकि, रूस की तरफ से इस संगठन से संबंध होने की बात हमेशा से नकारी जाती रही है।

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