यूक्रेन की ‘विजय योजना’ पर पश्चिमी सहयोगियों की मिली-जुली प्रतिक्रिया

यूक्रेन की ‘विजय योजना’ पर पश्चिमी सहयोगियों की मिली-जुली प्रतिक्रिया

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  • Publish Date - October 20, 2024 / 10:01 AM IST,
    Updated On - October 20, 2024 / 10:01 AM IST

कीव (यूक्रेन), 20 अक्टूबर (एपी) राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अपने देश यूक्रेन के रूस के साथ लगभग तीन साल से जारी युद्ध को खत्म करने की ‘विजय योजना’ को अब तक पश्चिमी देशों से मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है।

जेलेंस्की ने देश और विदेश में जिस ‘विजय योजना’ की रूपरेखा पेश की है उसमें यूक्रेन को नाटो में शामिल होने का औपचारिक आमंत्रण देना और रूसी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के लिए पश्चिमी देशों से प्राप्त लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों का उपयोग करने की अनुमति देना शामिल है। ये दोनों कदम ऐसे हैं जिनका समर्थन करने के प्रति कीव के सहयोगी पहले से अनिच्छुक रहे हैं।

जेलेंस्की को यदि इन प्रस्तावों पर अन्य सहयोगियों से समर्थन प्राप्त करना है तो उसके लिए अमेरिका का समर्थन मिलना महत्वूपर्ण है, लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन की आर से पांच नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले कोई निर्णय लेने की संभावना नहीं है।

यूक्रेन के राष्ट्रपति को लगता है कि युद्ध में यूक्रेन की स्थिति को मजबूत करने और किसी भी शांति वार्ता से पहले उनके इन प्रस्तावों को समर्थन मिलना जरूरी है।

इस मामले में अमेरिका ने कोई प्रतिबद्धता नहीं दर्शाई है, लेकिन उसने यूक्रेन की सुरक्षा सहायता के लिए 42.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर का नया पैकेज उसी दिन जारी कर दिया जिस दिन जेलेंस्की ने सांसदों के समक्ष योजना पेश की थी।

अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा, ‘‘इस योजना का सार्वजनिक रूप से मूल्यांकन करना मेरा कार्य नहीं है।’’

यूरोपीय देशों की प्रतिक्रियाओं में स्पष्ट विरोध से लेकर मजबूत समर्थन तक शामिल हैं। फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरोट ने शनिवार को कीव में कहा कि वह प्रस्ताव के समर्थन के लिए अन्य देशों को एकजुट करने के लिए यूक्रेनी अधिकारियों के साथ काम करेंगे।

जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने कीव को टॉरस नामक लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलों की आपूर्ति करने से इनकार करने के अपने रुख पर कायम हैं।

चांसलर ने कहा, ‘‘हमारी स्थिति स्पष्ट है: हम यूक्रेन का यथासंभव मजबूती से समर्थन कर रहे हैं। लेकिन हम इस बात का भी ध्यान रख रहे हैं कि नाटो इस युद्ध में शामिल न होने पाए, ताकि यह युद्ध और भी बड़ी तबाही में न बदले।’’

हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन, जिन्हें व्यापक रूप से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ किसी भी यूरोपीय संघ के नेता की तुलना में सबसे मधुर संबंध रखने वाला माना जाता है, ने फेसबुक पर एक पोस्ट में जेलेंस्की की योजना को ‘भयावह’ से आगे की चीज बताया। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने जेलेंस्की की योजना का मजाक उड़ाते हुए उसे ‘क्षणभंगुर’ करार दिया।

एपी

प्रीति संतोष

संतोष