राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ वीपीएन का इस्तेमाल गैर-इस्लामी: पाकिस्तान इस्लामी विचारधारा परिषद प्रमुख

राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ वीपीएन का इस्तेमाल गैर-इस्लामी: पाकिस्तान इस्लामी विचारधारा परिषद प्रमुख

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  • Publish Date - November 18, 2024 / 08:03 PM IST,
    Updated On - November 18, 2024 / 08:03 PM IST

इस्लामाबाद, 18 नवंबर (भाषा) प्रतिबंधित ऑनलाइन सामग्री देखने के लिए वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) के इस्तेमाल को ‘गैर-इस्लामी’ करार देने के फैसले की बड़े पैमाने पर आलोचना होने के बाद पाकिस्तान के मौलवियों के शीर्ष संगठन के प्रमुख ने सफाई दी है। उन्होंने सोमवार को कहा कि अगर राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने, ईशनिंदा करने या चरित्र हनन के लिए इस सेवा का इस्तेमाल किया जाता है तो यह इस्लाम के खिलाफ है।

सरकार को धार्मिक मुद्दों पर सलाह देने वाली इस्लामिक विचारधारा परिषद (सीआईआई) के अध्यक्ष अल्लामा रागिब नईमी ने शुक्रवार को यह फरमान जारी करके विवाद खड़ा कर दिया कि वीपीएन का इस्तेमाल गैर-इस्लामी है।

कई धार्मिक नेताओं और डिजिटल मीडिया विशेषज्ञों ने इस आदेश पर सवाल उठाए। हालांकि, उन्होंने ‘जियो न्यूज’ के कार्यक्रम ‘जियो पाकिस्तान’ से बात करते हुए अपने बयान में संशोधन किया।

उन्होंने कहा, ‘‘चाहे वह पंजीकृत वीपीएन हो या गैर पंजीकृत, यदि अभद्र या अनैतिक साइट तक पहुंचने का प्रयास किया जाता है, चरित्र हनन किया जाता है, राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ बयान दिए जाते हैं, या यदि ईशनिंदा की विभिन्न घटनाएं इसके माध्यम से फैलाई जाती हैं, तो इसका उपयोग करना पूरी तरह से गैर-इस्लामी होगा।’’

हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि इसका उपयोग शिक्षा, संचार या सकारात्मक संदेश देने के लिए किया जा रहा है, तो इसमें कोई बुराई नहीं है।

नईमी ने कहा, ‘‘अगर आप वीपीएन रजिस्टर करते हैं और सकारात्मक गतिविधि या सकारात्मक आलोचना करते हैं, तो इसमें कोई बुराई नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि (वीपीएन में) उपयोगकर्ता का स्थान गोपनीय रहता है यह जानकारी प्राप्त नहीं होती है कि कौन कहां से काम कर रहा है। इसलिए, जब हम इन तकनीकी मामलों के बारे में बात करते हैं, तो वास्तव में, गतिविधि से तय होता है कि वह इस्लामी है या गैर-इस्लामी।’’

भाषा जोहेब धीरज

धीरज