(ललित के झा)
वाशिंगटन, तीन अक्टूबर (भाषा) अमेरिकी संघीय सरकार के एक आयोग ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की कथित बिगड़ती स्थिति पर चिंता व्यक्त की तथा इसे ‘‘विशेष चिंता वाला देश’’ घोषित करने की मांग की।
अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने एक बयान में कहा कि वरिष्ठ नीति विश्लेषक सीमा हसन द्वारा भारत पर लिखित इस खंड में धार्मिक अल्पसंख्यकों और उनके पूजा स्थलों के खिलाफ हिंसक हमले भड़काने के इरादे से सरकारी अधिकारियों द्वारा नफरती भाषण समेत गलत एवं भ्रामक सूचनाओं के इस्तेमाल का जिक्र किया गया है।
यूएससीआईआरएफ ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में यह भी सिफारिश की है कि अमेरिकी विदेश विभाग भारत को धार्मिक स्वतंत्रता के लगातार और गंभीर उल्लंघन के मामलों में शामिल होने के कारण ‘‘विशेष चिंता के देश’’ के रूप में नामित करे।
विदेश विभाग ने अब तक इन सिफारिशों को स्वीकार नहीं किया है।
यूएससीआईआरएफ ने कहा, ‘‘यह रिपोर्ट इस बात पर प्रकाश डालती है कि किस तरह 2024 के दौरान लोगों को कुछ समूहों द्वारा मारा गया, पीटा गया और पीट-पीट कर उनकी हत्या की गई। साथ ही, धार्मिक नेताओं को मनमाने ढंग से गिरफ्तार किया गया और घरों एवं पूजा स्थलों को ध्वस्त किया गया। ये घटनाएं धार्मिक स्वतंत्रता का विशेष रूप से गंभीर उल्लंघन हैं।’’
मनमोहन सिंह की अगुआई वाली पूर्ववर्ती सरकार के समय से भारत ने अपने आंतरिक मामलों में ‘‘हस्तक्षेप’’ का हवाला देते हुए यूएससीआईआरएफ के सदस्यों को देश का दौरा करने के लिए लगातार वीजा देने से इनकार किया है।
भारत और कई भारतीय-अमेरिकी समूहों ने पूर्व में यूएससीआईआरएफ पर देश को बदनाम करने के लिए पक्षपाती, अवैज्ञानिक और एजेंडा-संचालित रिपोर्टिंग का आरोप लगाया है।
भाषा सुरभि खारी
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