अमेरिका: US Abortion Laws देश में अनचाही प्रेग्नेंसी होने पर गर्भपात करवाने के कानून को सुप्रीम कोर्ट ने बदल दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने 50 साल पुराने फैसले को पलटते हुए अब गर्भपात पर प्रतिबंध लगा दिया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद अब पूरे देश में माहौल गर्मा गया है और लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि राष्ट्रपति जो बाइडन ने देशवासियों से शांति बनाए रखने और शांति पूर्ण तरीके से अपनी बात रखने की अपील की है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<
US Abortion Laws अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की 9 सदस्यीय बैंच ने शुक्रवार को अपने फैसले में कहा कि देश के संविधान ने किसी भी महिला को गर्भपात का अधिकार नहीं दिया है। ऐसे में अमेरिका के सभी स्टेट इस मुद्दे पर अपने-अपने कानून बना सकते हैं। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि उसने इस मामले में 50 साल पुराने ‘रो वी वेड’ (Roe v. Wade) केस में सुनाए ऑर्डर को पलट दिया है।
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कोर्ट (US Supreme Court) ने गर्भपात (Abortion Rights) पर शुक्रवार को 2 अहम फैसले सुनाए। पहले फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने रिपब्लिक पार्टी की सत्ता वाली उस ‘Mississippi law’ को बरकरार रखा, जिसमें प्रावधान है कि प्रेग्नेंसी के 15 सप्ताह गुजर जाने के बाद कोई महिला गर्भपात नहीं करवा सकती। यह फैसला 6-3 के बहुमत से दिया गया। दूसरा फैसला, ‘रो वी वेड’ (Roe v. Wade) केस पर दिया गया। इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने 5-4 के बहुमत से 50 साल पहले दिए गए अबॉर्शन के अधिकार को खारिज कर दिया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस John Roberts ने अपने अलग फैसले में लिखा कि वे मिसीसिप्पी कानून का तो समर्थन करते हैं लेकिन उन्होंने ‘रो वी वेड’ केस में दिए गए अधिकार को खत्म करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
सुप्रीम कोर्ट (US Supreme Court) ने लंबी सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता मैककॉर्वी के फेवर में फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि कोई महिला कब बच्चा पैदा करना चाहती है, यह उसका निजी फैसला होना चाहिए। इस बारे में कोई और व्यक्ति डिसीजन नहीं ले सकता। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद से अमेरिका में महिलाओं को अबॉर्शन का कानूनी अधिकार (Abortion Rights) मिल गया था। हालांकि शुक्रवार को सुनाए गए कोर्ट के फैसले से महिलाओं से वह अधिकार फिर छिन गया है।
कोर्ट (US Supreme Court) ने अपने जिस आदेश को पलटा है, वह 1973 में दिया गया था। इस केस का नाम रो बनाम वेड था। उस केस में नॉर्मा मैककॉर्वी नाम की महिला ने केस दायर किया था। महिला का कहना था कि उसके पहले से 2 बच्चे हैं और अब वह तीसरी बार फिर प्रेग्नेंट हो गई है। ऐसे में वह इस अनचाहे बच्चे का अबार्शन करवाना चाहती है। महिला ने इस बारे में अमेरिकी फेडरल कोर्ट में याचिका दायर की, जिसे उसने खारिज कर दिया। इसके बाद वादी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की।
कोर्ट के इस फैसले के बाद अमेरिका में तुरंत विरोध शुरू हो गया है। लोग इस फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं और इसे निजता का हनन बता रहे हैं। हालात तनावपूर्ण होते देख अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बयान जारी कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। बाइडेन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला देश को पीछे की ओर ले जाने वाला है। इसका देश के प्रतिष्ठा पर विपरीत असर होगा।