वाशिंगटन। कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया के रवैये पर संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रमुख एंटोनियो गुटेरस ने चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि कोरोना को इस बात से फर्क नहीं पड़ता है कि हम कौन हैं, हम कहां रहते हैं और हम किस पर भरोसा रखते हैं। उन्होने एक ट्वीट में लिखा है कि महामारी की वजह से नफरत, विदेशी लोगों को न पसंद करना, दूसरे को जिम्मेदार ठहराना और भय का माहौल बनाने जैसी घटनाओं की बाढ़ आ गई है।
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UN के प्रमुख ने कहा है मैं दुनियाभर के लोगों से अपील करता हूं कि वो नफरत के बोल बोलना बंद करें, हमें इस तरह की चीजों को बंद करने की पुरजोर कोशिश करनी चाहिए। बिना किसी देश का नाम लिए संयुक्त राष्ट्र संघ प्रमुख ने कहा है कि महामारी की वजह से नफरत और आंतक फैलाने के मामले बढ़े हैं, इंटरनेट से लेकर सड़कों तक ऐसे मामले देखने में आ रहे हैं।
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उन्होंने कहा है कि कोरोना के चलते प्रवासियों और शरणार्थियों को निशाना बनाया जा रहा है, उन्हें वायरस का स्रोत बनाकर उनका अपमान किया जा रहा है। चिंता की बात है कि उन्हें इलाज से भी वंचित रखा जा रहा है। उन्होंने कहा है कि नफरत वाले मीम बनाए जा रहे हैं। कोरोना वायरस को लेकर बुजुर्गों की हालत ज्यादा चिंताजनक हैं।
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संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रमुख ने ये भी कहा कि दुनिया के कई हिस्सों में कोरोना वायरस को लेकर काम कर रहे पत्रकारों, व्हिसल ब्लोअर्स, हेल्थ वर्कर्स और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है। एंटोनियो गुटेरस ने अपील की है कि नफरत वाले बयान को रोकने की कोशिश की जानी चाहिए। खासकर एजुकेशन इंस्टीट्यूशन को इस दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने कहा है कि युवाओं को डिजिटल साक्षर बनाना चाहिए।
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