ब्रिटेन की रिपोर्ट में खालिस्तान समर्थक, हिंदू राष्ट्रवादी चरमपंथ’ को खतरा बताया गया

ब्रिटेन की रिपोर्ट में खालिस्तान समर्थक, हिंदू राष्ट्रवादी चरमपंथ’ को खतरा बताया गया

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  • Publish Date - January 29, 2025 / 06:04 PM IST,
    Updated On - January 29, 2025 / 06:04 PM IST

(अदिति खन्ना)

लंदन, 29 जनवरी (भाषा) ब्रिटेन सरकार की ‘चरमपंथ समीक्षा’ से जुड़ी एक रिपोर्ट में भारतीय उपमहाद्वीप में दो प्रकार के कट्टरपंथ…खालिस्तान समर्थक चरमपंथ और हिंदू राष्ट्रवाद चरमपंथ को एक खतरे के रूप में ध्यानार्थ सामने रखा गया है।

लीक हुई इस रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि ‘हिंदू राष्ट्रवाद चरमपंथ’ का पहली बार ऐसी समीक्षा में उल्लेख किया गया है।

‘पॉलिसी एक्सचेंज’ थिंक टैंक के लिए एंड्रयू गिलिगन और डॉ पॉल स्कॉट द्वारा लिखित रिपोर्ट ‘अत्यधिक भ्रमित : सरकार की नयी चरमपंथ निरोधक समीक्षा खुलासा’ को इस सप्ताह के शुरू में जारी किया गया था।

ब्रिटेन के गृह कार्यालय सुरक्षा मंत्री डैन जार्विस ने मंगलवार को ब्रिटेन की संसद के निचले सदन ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ को बताया कि यह “पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि रिपोर्ट का कौन सा संस्करण लीक हुआ है” और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस रिपोर्ट में किये गये दावे सरकारी नीति का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।

लीक हुई रिपोर्ट के अनुसार इसमें नौ प्रकार के चरमपंथ इस्लामवादी, चरम दक्षिणपंथी, चरम स्त्री-द्वेष, खालिस्तान समर्थक चरमपंथ, हिंदू राष्ट्रवादी चरमपंथ, पर्यावरण चरमपंथ, वामपंथी, अराजकतावादी और एकल-मुद्दा चरमपंथ (एलएएसआई), हिंसा और षड्यंत्र के सिद्धांत’’ सूचीबद्ध हैं।

लीक हुई रिपोर्ट के अनुसार सबसे लंबे खंड को ‘‘अंडरस्टैंड (ध्यानार्थ)’’ विषय दिया गया है।

रिपोर्ट में इस खंड के पृष्ठ 17-18 पर दो प्रकार के उन चरमपंथ का उल्लेख किया गया जिनकी उत्पत्ति भारतीय उपमहाद्वीप में हुई है और जिन्हें खालिस्तान समर्थक चरमपंथ और हिंदू राष्ट्रवादी चरमपंथ के रूप में वर्णित किया गया है।

इसमें कहा गया, ‘‘यह ब्रिटेन की सरकार के लिए तार्किक रवैया होना चाहिए। बहरहाल खालिस्तान आंदोलन के भीतर ही ऐसे लोगों की भूमिका बढ़ रही है जो चिंता का विषय बने हुए हैं। साथ ही चिंता का कारण वह सक्रियता भी है जिसमें मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नकारात्मक बातें कहीं जा रही हैं विशेषकर बच्चों के यौन शोषण के आरोपों को लेकर। साथ ही ब्रिटिश एवं भारतीय सरकार के बीच कथित आपसी तालमेल को षड्यंत्र के रूप में देखा जा रहा है।’’

रिपोर्ट में यह बात स्वीकार की गई है कि भारत सरकार की ‘‘विदेश में भूमिका’’ को लेकर चिंताएं मौजूद हैं, जिसमें ‘‘कनाडा और अमेरिका में सिखों के खिलाफ घातक हिंसा’’ में भारत (सरकार) की संलिप्तता के आरोप भी शामिल हैं।

इसमें कहा गया है, “हिंदू राष्ट्रवादी चरमपंथ (जिसे हिंदुत्व भी कहा जाता है) का उल्लेख 2023 की स्वतंत्र समीक्षा में नहीं किया गया था और इसे एक गलती के रूप में देखा जा सकता है। सितंबर 2022 में लीसेस्टर में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच हुई हिंसा को देखते हुए, सरकार द्वारा हिंदू राष्ट्रवादी चरमपंथ को सुर्खियों में लाना सही है।’’

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘यहां यह बात भी उतनी ही महत्वपूर्ण है कि लीसेस्टर में ‘मुस्लिम और हिंदू दोनों समुदायों के प्रमुख लोगों ने भी तनाव का अवसरवादी तरीके से फायदा उठाने और स्थानीय समुदायों के बीच नफरत भड़काने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई’।’’

विपक्षी दल कंजर्वेटिव पार्टी ने लीक हुई रिपोर्ट के निष्कर्षों को संसद में उठाया, तथा छाया गृह मंत्री क्रिस फिलिप ने विभिन्न प्रकार के चरमपंथ से निपटने के प्रति सरकार के दृष्टिकोण पर सवाल उठाया।

सरकार की ओर से डैन जार्विस ने कहा, ‘‘जैसा कि हमने बार-बार कहा है, इस्लामी चरमपंथ के बाद दक्षिणपंथी चरमपंथ हमारे सामने सबसे बड़ा खतरा है… यह विचारधारा, विशेष रूप से इस्लामी चरमपंथ के बाद दक्षिणपंथी चरमपंथ, चरमपंथ और आतंकवाद का मुकाबला करने के हमारे दृष्टिकोण के केंद्र में बनी हुई है।’’

भाषा

देवेंद्र माधव

माधव