ब्रिटेन की लेबर पार्टी भारत विरोधी भावनाओं का अंत करने के लिये प्रतिबद्ध

ब्रिटेन की लेबर पार्टी भारत विरोधी भावनाओं का अंत करने के लिये प्रतिबद्ध

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  • Publish Date - June 29, 2024 / 09:33 PM IST,
    Updated On - June 29, 2024 / 09:33 PM IST

(अदिति खन्ना)

लंदन, 29 जून (भाषा) ब्रिटेन में चार जुलाई को होने वाले आम चुनाव में जीत दर्ज करके सरकार बनाने की उम्मीद कर रही विपक्षी लेबर पार्टी ने कहा है कि वह अपने नेताओं-कार्यकर्ताओं में भारत विरोधी भावनाओं का अंत करने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार के साथ एक मजबूत रणनीतिक साझेदारी करने के प्रति प्रतिबद्ध है।

पूर्व लेबर नेता जेरेमी कॉर्बिन के नेतृत्व में एक वार्षिक सम्मेलन के दौरान कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप के पक्ष में लाए गए पार्टी के प्रस्ताव को वर्ष 2019 के आम चुनाव में ब्रिटिश भारतीय मतदाताओं का वोट पार्टी को नहीं मिलने के कारण के रूप में देखा गया था।

कुछ लेबर पार्षदों द्वारा खालिस्तान समर्थक विचारों का समर्थन करने पर भी चिंता व्यक्त की गई है।

लंदन में शुक्रवार शाम को ‘सिटी सिख्स’ और ‘सिटी हिंदूज’ नेटवर्क के साथ साझेदारी में ‘एशियन वॉयस’ द्वारा ब्रिटेन के दक्षिण एशियाई समुदाय के लिए आयोजित एक ‘पॉलिटिकल हस्टिंग्स’ कार्यक्रम में लेबर पार्टी की अध्यक्ष एनेलिस डोड्स ने दावा किया कि कीर स्टार्मर के नेतृत्व में उनकी पार्टी इस बात को लेकर आश्वस्त है कि वह ऐसे चरमपंथी विचारों वाले किसी भी नेता से मुक्त है।

पिछले आम चुनाव में पार्टी से अलग रहे भारतीय समुदाय के मतदाताओं का भरोसा फिर से जीतने के सवाल पर डोडस ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ हम निश्चित रूप से मतदाताओं के किसी भी समूह को, चाहे वे कहीं से भी हों, तवज्जो देंगे। हम सभी लोगों के वोट पाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर इसका (भारत-विरोधी भावना) कोई सबूत है, तो चाहे लोगों का कोई भी समूह हो, मैं उसके बारे में कुछ करूंगी।’’

उन्होंने ‘असाधारण प्रवासी’ समुदाय से आह्वान किया कि वे पार्टी के ऐसे प्रतिनिधियों का ब्योरा दें जो भविष्य में लेबर पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के तहत भारत-ब्रिटेन संबंधों के लिए खतरा पैदा हो सकते हैं।

उन्होंने कहा, “गर्मजोशी भरे शब्दों से परे जाकर, हम व्यावहारिक, मजबूत संबंध बनाना चाहते हैं। लेबर पार्टी ने भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी के बारे में बहुत सारी बातें की हैं, जिसमें व्यापार भी शामिल है… लेकिन हम नई प्रौद्योगिकियों, पर्यावरण और सुरक्षा जैसे अन्य क्षेत्रों में भी सहयोग देखना चाहते हैं।’’

इंग्लैंड के वेस्ट मिडलैंड्स क्षेत्र में कंजर्वेटिव पार्टी के उम्मीदवार डुडले नॉर्थ ने हाल ही में एक आधिकारिक चुनाव प्रचार पत्र के जरिये विवाद खड़ा कर दिया, जिसमें कहा गया था कि वह ब्रिटिश संसद में केवल कश्मीर के लिए बोलेंगे।

मार्को लोंघी, जो लेबर पार्टी की ब्रिटिश-भारतीय पसंद सोनिया कुमार के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, ने भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के लिए फिर से चुने जाने को ब्रिटेन के कश्मीरियों के लिए चिंता का कारण बताया था।

‘लेवलिंग अप’, आवास और समुदाय विभाग की मंत्री फेलिसिटी बुकान ने अपनी पार्टी के भारत समर्थक रिकॉर्ड को उजागर करना चाहा जिसमें ऋषि सुनक का भारतीय मूल का प्रधानमंत्री होना भी शामिल है।

लंदन में केंसिंग्टन और बेजवाटर के कंजर्वेटिव पार्टी के उम्मीदवार बुकान ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि भारत के साथ संबंध ‘अविश्वसनीय’ रूप से महत्वपूर्ण हैं… ब्रिटेन में मौजूद प्रवासी हमारे जीवन में बहुत कुछ जोड़ते हैं।’’

भाषा संतोष रंजन

रंजन