वाशिंगटन, 31 जनवरी (भाषा) अमेरिका के रोनाल्ड रीगन राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सेना के एक हेलीकॉप्टर और यात्री विमान के बीच हुई टक्कर में मारे गए 67 लोगों में भारतीय मूल के भी दो व्यक्ति शामिल हैं। मीडिया में आई खबरों से यह जानकारी मिली।
जीई एयरोस्पेस में इंजीनियर विकेश पटेल और वाशिंगटन निवासी कंसल्टेंट असरा हुसैन रजा भी विमान में सवार थे।
अमेरिका में 2001 के बाद से यह सबसे घातक विमान दुर्घटना है। घटना बुधवार रात को उस समय हुई जब अमेरिकन एयरलाइंस की उड़ान 5342, हवाई अड्डे के पास पहुंचते ही सेना के हेलीकॉप्टर से टकरा गई।
ग्रेटर सिनसिनाटी के निवासी पटेल कपंनी में ‘एमआरओ ट्रांसफॉर्मेशनल लीडर’ थे, जो देशभर में यात्रा करते थे।
‘फॉक्स19’ को दिए गए एक बयान में बृहस्पतिवार रात को जीई एयरोस्पेस के अध्यक्ष लैरी कल्प ने विमान हादसे में जान गंवाने वाले कर्मचारी की पहचान पटेल के रूप में की। कल्प ने कहा, ‘‘यह न केवल हमारे उद्योग के लिए बल्कि जीई एयरोस्पेस टीम के लिए भी एक झटका है क्योंकि हमारे एक प्रिय सहयोगी विकेश पटेल भी विमान में सवार थे।’’
रजा (26) के ससुर डॉ. हाशिम रजा ने ‘सीएनएन’ को बताया कि घटना में मारे गए लोगों में उनकी बहू भी शामिल है।
हाशिम ने बताया कि रजा ने 2020 में इंडियाना विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि ली थी। उनका बेटा और रजा एक ही कॉलेज में पढ़ते थे और अगस्त 2023 में दोनों ने शादी की थी।
हासिम ने बताया कि रजा वाशिंगटन में एक सलाहकार थीं, जो एक अस्पताल से जुड़ी परियोजना पर काम कर रही थीं और इस सिलसिले में वह महीने में दो बार विचिटा जाती थीं।
उन्होंने ‘सीएनएन’ को बताया कि वह अक्सर देर रात आपातकालीन कक्ष में शिफ्ट खत्म होने के बाद उन्हें फोन करती थीं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि घर लौटते समय वह जगे रहें।
उनके ससुर ने कहा, ‘‘वह हर काम में अपना सर्वश्रेष्ठ देती थीं।’’
असरा रजा के पति हमाद रजा ने कहा कि उनकी पत्नी ने उन्हें संदेश भेजा था कि उनका विमान उतरने वाला है, लेकिन जब वह असरा को लेने के लिए हवाई अड्डे पर पहुंचे, तब तक उनकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल चुकी थी।
हमाद ने बताया, ‘‘उसने (असरा रजा ने) कहा, ‘‘हम 20 मिनट में उतरने वाले हैं’’।’’ उन्होंने कहा कि ये आखिरी शब्द थे जो उन्होंने अपनी पत्नी से सुने थे।
‘एनबीसी वाशिंगटन’ ने हमाद के हवाले से बताया, ‘‘मैं इंतजार कर रहा था और मैंने देखा कि ईएमएस (आपातकालीन चिकित्सा सेवा) के कई वाहन मेरे पास से तेजी से गुजर रहे हैं, जो असामान्य सा लगा। और मेरे संदेश भी नहीं जा रहे थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो मैं घबराया हुआ था और बदहवास सा यही सोच रहा था कि हमारे साथ कुछ तो बुरा हुआ है। आखिर में मेरा डर सच निकला क्योंकि यह वही विमान था जिसमें मेरी पत्नी थी।’’
भाषा शफीक संतोष
संतोष
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)