पाकिस्तान आत्मघाती हमले में दो चीनी नागरिकों, संदिग्ध आतंकी की मौत

पाकिस्तान आत्मघाती हमले में दो चीनी नागरिकों, संदिग्ध आतंकी की मौत

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  • Publish Date - October 7, 2024 / 04:35 PM IST,
    Updated On - October 7, 2024 / 04:35 PM IST

कराची, सात अक्टूबर (भाषा) पाकिस्तान के सबसे व्यस्त हवाई अड्डे के पास देर रात चीनी श्रमिकों के काफिले को निशाना बनाकर किए गए बलूच विद्रोही समूह के आत्मघाती हमले में दो चीनी नागरिकों की मौत हो गई और 17 लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

जिन्ना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास देर रात हुए विस्फोट में एक संदिग्ध आत्मघाती हमलावर की भी मौत हो गई। यह हमला पाकिस्तान में चीनी श्रमिकों के खिलाफ हिंसा की श्रृंखला में नवीनतम घटना है। यह हमला राष्ट्रीय राजधानी में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन से दो सप्ताह से भी कम समय पहले हुआ है।

प्रतिबंधित बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि यह विस्फोट एक आत्मघाती हमला था, जिसमें जिन्ना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से निकल रहे चीनी इंजीनियरों और निवेशकों के काफिले को निशाना बनाया गया।

यह हमला हवाई अड्डे के मुख्य टर्मिनल से एक मील से भी कम दूरी पर हुआ। अधिकारियों ने हवाई अड्डे की तरफ जाने वाले सभी यातायात को कुछ समय के लिए रोक दिया। हमले में एक इलेक्ट्रिक पावर कंपनी के चीनी कर्मचारियों को ले जा रहे काफिले को निशाना बनाया गया।

पुलिस उप महानिरीक्षक आसिफ शेख ने बताया, ‘‘प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि आत्मघाती हमले को अंजाम देने के लिए एक छोटे वाहन का तब इस्तेमाल किया गया, जब चीनी नागरिकों को ले जा रहा वाहन कराची हवाई अड्डे के पास मुख्य सिग्नल पर पहुंचा था।’’

उन्होंने कहा कि आत्मघाती हमलावर द्वारा इस्तेमाल किए गए वाहन में विस्फोटक थे और निशाने से टकराने के बाद उसमें विस्फोट हो गया। चीनी दूतावास ने पुष्टि की है कि उसके दो नागरिक मारे गए हैं और एक अन्य घायल हुआ है, साथ ही ‘‘कुछ स्थानीय लोग भी हताहत हुए हैं।’’

जिन्ना पोस्टग्रेजुएट मेडिकल कॉलेज (जेपीएमसी) के सर्जन डॉ. सुम्मैया ने बताया, ‘‘अस्पताल में तीन शव लाए गए। इनमें से दो चीनी नागरिकों के शव हैं।’’ आतंकवाद रोधी विभाग के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि तीसरा शव आत्मघाती हमलावर का हो सकता है।

एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि विस्फोट की आवाज शहर में दूर-दूर तक सुनी गई। धमाकों से सिग्नल पर खड़े एक तेल टैंकर में भी आग लग गई और विस्फोट हो गया। उन्होंने कहा, ‘‘टैंकर विस्फोट के कारण कई लोग घायल हुए और कम से कम एक दर्जन वाहनों को नुकसान पहुंचा।’’

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस हमले को ‘‘जघन्य कृत्य’’ बताया और चीनी लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘पाकिस्तान अपने चीनी मित्रों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।’’

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘‘आतंकवाद का यह निंदनीय कृत्य न केवल पाकिस्तान पर बल्कि पाकिस्तान और चीन के बीच स्थायी मित्रता पर भी हमला है। हम मजीद ब्रिगेड सहित इस कायरतापूर्ण हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।’’

विदेश कार्यालय ने कहा, ‘‘पाकिस्तान की सुरक्षा और कानून लागू करने वाली एजेंसियां ​​अपराधियों और उनके मददगारों को पकड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगी। इस जघन्य कृत्य करने वालों को दंडित किए बिना नहीं छोड़ा जाएगा।’’

विदेश कार्यालय ने कहा कि समन्वय और सुविधा के लिए विदेश मंत्रालय चीनी दूतावास के साथ निकट संपर्क में है।

विदेश कार्यालय ने कहा, ‘‘पाकिस्तान और चीन घनिष्ठ साझेदार और भाइचारे का रिश्ता है, जो आपसी सम्मान और साझा नियति के बंधन से एकजुट हैं। पाकिस्तान चीनी नागरिकों, परियोजनाओं और पाकिस्तान में संस्थानों की सुरक्षा और संरक्षा के लिए अपनी अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है, और आतंकवादी ताकतों को हराने के लिए अपने चीनी भाइयों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगा।’’

पाकिस्तान एयरपोर्ट अथॉरिटी (पीएए) ने एक बयान में कहा कि इस घटना में हवाई अड्डे की इमारतों और परिसर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा तथा हवाई अड्डे पर उड़ानों का परिचालन सामान्य रूप से जारी है।

ईरान और अफगानिस्तान की सीमा से सटा बलूचिस्तान लंबे समय से हिंसक विद्रोह का गढ़ रहा है। बलूच विद्रोही समूहों ने पहले भी चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजनाओं को निशाना बनाकर कई हमले किए हैं।

बीएलए चीन और पाकिस्तान पर संसाधन संपन्न प्रांत का शोषण करने का आरोप लगाता है। समूह लंबे समय से अलग मातृभूमि की मांग कर रहा है। पिछले दो सालों में इस समूह ने कराची में विदेशी नागरिकों को निशाना बनाकर इसी तरह के कई आत्मघाती बम हमले किए हैं।

इस साल मार्च में बीएलए ने चीन द्वारा संचालित ग्वादर बंदरगाह के पास एक पाकिस्तानी नौसैनिक हवाई अड्डे पर हमले की जिम्मेदारी ली थी। अप्रैल 2022 में, कराची विश्वविद्यालय के कन्फ्यूशियस संस्थान के पास इस समूह के एक आत्मघाती हमले में तीन चीनी प्रशिक्षक और एक पाकिस्तानी ड्राइवर की मौत हो गई। नवंबर 2018 में, कराची में चीनी वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले में बंदूकधारियों ने कम से कम चार लोगों की हत्या कर दी थी।

भाषा आशीष माधव

माधव