अमेरिका: राष्ट्रीय खुफिया निदेशक पद के लिए ट्रंप की पसंद तुलसी गबार्ड की संसद में होगी परीक्षा

अमेरिका: राष्ट्रीय खुफिया निदेशक पद के लिए ट्रंप की पसंद तुलसी गबार्ड की संसद में होगी परीक्षा

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  • Publish Date - January 30, 2025 / 01:08 PM IST,
    Updated On - January 30, 2025 / 01:08 PM IST

वाशिंगटन, 30 जनवरी (एपी) राष्ट्रीय खुफिया निदेशक पद के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पसंद तुलसी गबार्ड को रूस के बारे में अतीत में की गईं अपनी टिप्पणियों और सीरिया के अपदस्थ हो चुके राष्ट्रपति बशर अल-असद से 2017 में हुई मुलाकात को लेकर बृहस्पतिवार को सांसदों के कड़े सवालों का सामना करना पड़ सकता है।

गबार्ड की नियुक्ति की पुष्टि के लिए अमेरिकी संसद के उच्च सदन सीनेट की खुफिया मामलों की समिति उनसे पूछताछ करेगी। इस पूछताछ से तय होगा कि वह पद के लिये योग्य हैं या नहीं।

हवाई से डेमोक्रेटिक पार्टी की सांसद रहीं गबार्ड नेशनल गार्ड में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं और दो बार मध्य एशिया में तैनात रह चुकी हैं। वर्ष 2020 में उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए अपनी दावेदारी पेश की थी। हालांकि उन्हें खुफिया मामलों का कामकाज देखने का कोई औपचारिक अनुभव नहीं है और न ही वह किसी सरकारी एजेंसी या विभाग की प्रमुख रही हैं।

गबार्ड के अतीत के बयान उनकी नियुक्ति की पुष्टि में आड़े आ सकते हैं। गबार्ड यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को जायज ठहराने संबंधी रूसी दुष्प्रचार का कई बार समर्थन कर चुकी हैं और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को भ्रष्ट तानाशाह बताकर उनकी आलोचना कर चुकी हैं।

रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों ने उन पर रूसी दुष्प्रचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। रूस का सरकारी मीडिया भी एक बार गबार्ड की तारीफ चुका है।

साल 2017 में उन्होंने सीरिया जाकर तत्कालीन राष्ट्रपति बशर अल-असद से मुलाकात करके विवाद खड़ा कर दिया था। असद को एक क्रूर गृहयुद्ध के बाद हाल ही में राष्ट्रपति पद छोड़कर देश से जाना पड़ा था। सीरिया यात्रा के बाद गबार्ड पर तानाशाह (असद) को वैधता देने का आरोप लगा। हालांकि गबार्ड ने कहा था कि उन्हें इस बात पर संदेह है कि असद ने गृहयुद्ध के रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया था। इस बयान को लेकर उन्हें और आलोचना का सामना करना पड़ा।

एपी जोहेब मनीषा

मनीषा