(योषिता सिंह)
न्यूयॉर्क, आठ नवंबर (भाषा) भारतीय-अमेरिकी समुदाय के सदस्यों ने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत का स्वागत करते हुए कहा कि देश को उनके जैसे ‘‘मजबूत नेता’’ की जरूरत है जो महंगाई पर काबू पाने और अवैध आव्रजन पर अंकुश लगाने के अपने वादे को पूरा करेंगे।
ऐतिहासिक चुनाव में ट्रंप ने अपनी डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी एवं उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को हराया तथा वह अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति चुने गए हैं। वह एक सदी से भी अधिक समय में एक अंतराल के बाद दो बार राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने वाले दूसरे नेता बन गए हैं।
ट्रंप से पहले ग्रोवर क्लीवलैंड ऐसे नेता थे जिन्होंने 1885-1889 और 1893-1897 तक दो बार राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया था।
अपनी चुनावी जीत के साथ ट्रंप राष्ट्रपति चुने जाने वाले पहले दोषी व्यक्ति और दो बार महाभियोग का सामना करने वाले भी नेता भी बन गए हैं। हालांकि, चुनाव में मतदाताओं के लिए यह कोई खास मुद्दा नहीं रहा और वे मजबूती से ट्रंप के साथ खड़े रहे।
भारतीय-अमेरिकी समुदाय के बीच ट्रंप के लिए समर्थन स्पष्ट नजर आया।
प्रमुख भारतीय-अमेरिकी हृदय रोग विशेषज्ञ और सामुदायिक नेता डॉ अविनाश गुप्ता ने पीटीआई से कहा, “ट्रंप एक मजबूत नेता हैं। देश को मजबूत नेतृत्व की जरूरत है।”
गुप्ता ने कहा, ‘‘हमने देखा है कि ट्रंप ने चार साल तक क्या किया, और फिर हमने चार साल तक बाइडन-हैरिस प्रशासन देखा। अंतर बहुत स्पष्ट था।’’
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के रूप में ट्रंप के प्रथम कार्यकाल के दौरान अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में थी, कोई नया युद्ध नहीं हुआ और वह भारत-अमेरिका मित्रता के लिए अच्छे व्यक्ति थे तथा सीमाएँ सुरक्षित थीं।
गुप्ता ने कहा कि यूक्रेन और पश्चिम एशिया में जारी संघर्ष के कारण, ‘‘हमें एक मजबूत नेता की आवश्यकता है जो इन सभी युद्धों को समाप्त कर सके और वैश्विक शांति प्राप्त कर सके। हम जानते हैं कि ट्रंप कोई आम राजनीतिक नेता नहीं हैं, इसलिए केवल वही इसे हासिल कर पाएंगे।’’
न्यूयॉर्क के व्हाइट प्लेन्स क्षेत्र में लघु व्यवसाय की मालिक भारतीय-अमेरिकी दीपा ने कहा कि उन्होंने चुनाव में ट्रंप को वोट दिया।
ट्रंप के लिए अपने समर्थन के पीछे अपने तर्क को रेखांकित करते हुए दीपा ने कहा कि ट्रंप पहले भी राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर चुके हैं और ‘‘जानते हैं कि देश के लिए क्या किया जाना चाहिए। वह सही व्यक्ति हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हर किसी की अपनी निजी पसंद होती है। मुझे लगता है कि ट्रंप बेहतर हैं।’’
न्यूजर्सी के एक व्यवसायी ने अपनी पहचान उजागर न करने के आग्रह के साथ कहा कि व्यवसाय मालिकों को महंगाई और अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति के कारण बेहद कठिन समय का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति और अवैध प्रवासन जैसे घरेलू मुद्दों के साथ-साथ यूक्रेन और पश्चिम एशिया में युद्ध जैसे वैश्विक संघर्षों के प्रभाव से देश को नुकसान हो रहा है तथा इन चुनौतियों से निपटने के लिए अमेरिका को ट्रंप जैसे नेता की जरूरत है।
भारतीय-अमेरिकी समुदाय के सदस्यों के बीच इस बात पर भी सर्वसम्मति है कि भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने के लिए व्हाइट हाउस में बेहतर नेता कौन होगा। इस बारे में पूछे जाने पर वे कहते हैं, ‘‘नि:संदेह ट्रंप’’।
गुप्ता ने कहा, ‘‘खासकर जब ट्रंप ने दीपावली पर बांग्लादेशी हिंदुओं के बारे में ट्वीट किया, तो इससे बहुत स्पष्ट संदेश गया कि वह दुनिया भर के हिंदुओं की आवाज उठाने के लिए तैयार हैं।’’
दीपावली के अवसर पर ट्रंप ने ‘एक्स’ पर अपने एक पोस्ट में कहा था कि वह बांग्लादेश में हिंदुओं, ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यकों पर बर्बर हिंसा की ‘‘कड़ी’’ निंदा करते हैं, जिन पर भीड़ हमले कर रही और जिनके घरों में लूटपाट हो रही है तथा जहां पूरी तरह अराजकता की स्थिति है।
ट्रंप ने कहा था, ‘‘मैं ऐसा न होने देता। कमला और जो. बाइडन ने दुनिया भर तथा अमेरिका में हिंदुओं की उपेक्षा की है। वे (कमला और बाइडन) इजराइल से लेकर यूक्रेन और हमारी अपनी दक्षिणी सीमा तक एक आपदा रहे हैं, लेकिन हम अमेरिका को फिर से मजबूत बनाएंगे और शक्ति के माध्यम से शांति वापस लाएंगे।’’
उन्होंने कहा था, “हम कट्टरपंथी वामपंथ के धर्म विरोधी एजेंडे के खिलाफ हिंदू अमेरिकियों की भी रक्षा करेंगे। हम आपकी आजादी के लिए लड़ेंगे। मेरे प्रशासन के तहत, हम भारत और मेरे अच्छे दोस्त, प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी महान साझेदारी को भी मजबूत करेंगे।’’
भाषा नेत्रपाल मनीषा
मनीषा