नईदिल्ली। जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद पाकिस्तान खूब बिलबिलाया हुआ है। एक ओर जहां पाकिस्तान आईसीजे में इस मामले को ले जाने की बात कर रहा है वहीं दूसरी तरफ वे कई देशों से मोदी सरकार के इस कदम के खिलाफ समर्थन जुटाने की कवायद में जुटा हुआ है। इसके साथ ही पाकिस्तान ने स्वयं इसे एक ‘अवैध’ कदम करार दिया है। और एक गीदड़ भभकी भी दी है कि भारत का यह कदम ‘परमाणु हथियारों से लैस दो पड़ोसी देशों के बीच संबंधों को और अधिक बिगाड़ेगा।’
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पाक विदेश कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार प्रधानमंत्री इमरान खान ने कश्मीर के हालात पर मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद के साथ बातचीत की। खान ने अपनी बातचीत के दौरान कहा कि कश्मीर का दर्जा बदलने का कदम अवैध है और यह संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन है। खबर के मुताबिक खान ने मलेशिया के प्रधानमंत्री से कहा, ‘‘भारत का कदम परमाणु हथियारों से लैस दो पड़ोसी देशों के बीच संबंधों को और बिगाड़ेगा।’’
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जियो टीवी के मुताबिक महातिर ने कहा कि मलेशिया कश्मीर में स्थिति की करीबी रूप से निगरानी कर रहा है और वह पाकिस्तान के साथ संपर्क में बने रहेंगे। महातिर ने यह भी कहा कि अगले महीने होने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र और इससे इतर न्यूयार्क में खान के साथ एक बैठक को लेकर वह आशावादी हैं।
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वहीं पाक मीडिया ने दावा किया है कि इसी प्रयास के तहत तुर्की के राष्ट्रपति एरदोगन से भी बात की गई है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि उन्होंने तुर्की के नेता से कहा कि कश्मीर के विशेष दर्जा में बदलाव करने की भारत की अवैध कार्रवाई का क्षेत्रीय शांति एवं सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ेगा। बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति एरदोगन ने कश्मीर के घटनाक्रम पर चिंताएं साझा की और इस मुद्दे पर तुर्की के शीघ्र समर्थन का भरोसा दिलाया है।
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वहीं पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने भी भारत के इस कदम की निंदा की और उसे खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तान की यात्रा पर आने वाले अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के साथ होने वाली बैठकों में इस मुद्दे को उठाया जाएगा। साथ ही, इसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष भी उठाया जाएगा।
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