दुनिया की पहली ग्रीन फ्लाइट ने भरी उड़ान, एक दिन में 10 हजार किलो कार्बन उत्सर्जन रोकने में मिलेगी मदद

ग्रीन फ्लाइट में उड़ान के लिए हर स्तर पर विमान के कार्बन फुट प्रिंट कम करने के इंतजाम किए गए, फ्लाइट में यात्रियों को जलवायु परिवर्तन के खतरे से बचाने के लिए ग्रीन प्वाइंट्स दिए गए, इस प्वाइंट्स का इस्तेमाल यात्री अगली उड़ानों में कर सकेंगे।

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  • Publish Date - May 13, 2022 / 06:10 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:59 PM IST

world’s first green flight took off: जेद्दा। दुनिया की पहली ग्रीन फ्लाइट (World First Green Flight) ने गुरुवार को पहली उड़ान भरी, सऊदी अरब के जेद्दा से स्पेन की सेंट्रल राजधानी मैड्रिड के बीच इस ऐतिहासिक उड़ान में कई भारतीय भी शामिल हुए, यह फ्लाइट जलवायु परिवर्तन रोकने को लेकर दुनिया की पहली ग्रीन फ्लाइट के रूप में दर्ज हुई है।

इसके उड़ान के लिए हर स्तर पर विमान के कार्बन फुट प्रिंट कम करने के इंतजाम किए गए, इसमें यात्रियों के बैगेज से लेकर उनके खान-पान की पहले से सटीक जानकारी दर्ज की गई, इस उड़ान ने एक दिन में 10 हजार किलो तक कार्बन उत्सर्जन (Carbon Emission) रोका गया।

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यात्रियों को मिले ग्रीन पॉइंट्स

world’s first green flight took off: फ्लाइट में यात्रियों को जलवायु परिवर्तन के खतरे से बचाने के लिए ग्रीन प्वाइंट्स दिए गए, इस प्वाइंट्स का इस्तेमाल यात्री अगली उड़ानों में कर सकेंगे, यात्रियों से पहले ही पूछा गया कि वे कितना किलो सामान लेकर आएंगे, अगर किसी यात्री ने 7 किलो कम वजन लेकर आया, तो उसे 700 ग्रीन प्वाइंट्स दिए गए, पहले हर यात्री को विमान में 23-23 किलो के दो बैग ले जाने की इजाजत थी।

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कम होगा कार्बन उत्सर्जन

10 घंटे की उड़ान में 7 किलो वजन कम होने से 36 किलो कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) कम निकलती है, यदि 200 यात्रियों ने अपना इतना ही वजन कम किया, तो एक ही उड़ान से 7200 किलो कार्बन ऑक्साइड बनने से रुक गई, इसी तरह खाने में शाकाहारी और ऑर्गेनिक विकल्प चुनने पर अधिक ग्रीन प्वाइंट्स दिए गए, जबकि मांसाहारी यात्रियों को कम ग्रीन प्वाइंट मिले।