corona virus: चीन के जिस बाजार से आदमियों में कोविड-19 के पहले मामले की पहचान हुई थी, उसके नजदीक से मिले अनुवांशिक सैंपल से पता चला है कि रैकून कुत्ते का DNA वायरस के साथ मिश्रित हुआ। इससे इस सिद्धांत को बल मिला है कि वायरस की उत्पत्ति प्रयोगशाला से नहीं बल्कि पशुओं से हुई थी। यह जानकारी अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने दी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम गेब्रेयेसस ने कहा, ‘ये आंकड़े इस बात का निश्चित जवाब नहीं देते कि महामारी की शुरुआत कैसे हुई, लेकिन उस जवाब के करीब ले जाने के लिए प्रत्येक आंकड़ा महत्वपूर्ण है।’
कोरोना वायरस की उत्पत्ति कैसे हुई, यह स्पष्ट नहीं है। कई वैज्ञानिकों का मानना है कि सबसे अधिक संभावना यह है कि यह चीन के वुहान में पशुओं से मनुष्यों में फैला, जैसा पूर्व में कई वायरस फैले हैं। दूसरी ओर, वुहान में कई प्रयोगशालाएं हैं जहां कोरोना वायरस नमूने एकत्रित किया जाता है और उनका अध्ययन किया जाता है। ऐसे में कुछ वैज्ञानिकों के इस सिद्धांत को बल मिलता है कि हो सकता है कि ये वायरस उन्हीं में से किसी प्रयोगशाला से फैला हो। नए निष्कर्ष से सवाल का समाधान नहीं होता और इन्हें औपचारिक रूप से अन्य विशेषज्ञों की ओर से समीक्षा नहीं की गई है, ना ही इसे किसी समीक्षा पत्रिका में प्रकाशित ही किया गया है।
चीन के वुहान शहर के एक वन्यजीव बाजार में कई अन्य वायरस इसी तरह पशुओं से मनुष्यों में फैले थे। टेड्रोस ने अनुवांशिक जानकारी पहले साझा नहीं करने के लिए चीन की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह जानकारी तीन वर्ष पहले साझा की जानी चाहिए थी। सैंपल वुहान के हुआनन सीफूड बाजार से 2020 की शुरुआत में एकत्रित किए गए थे जहां 2019 के अंत में मनुष्यों में कोविड-19 के शुरुआती मामले सामने आए थे।
टेड्रोस ने कहा कि जेनेटिक सिक्वेंसिंग हाल ही में चीनी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र के वैज्ञानिकों की ओर से दुनिया के सबसे बड़े सार्वजनिक वायरस डेटाबेस पर अपलोड किए गए, जिसे बाद में हटा लिया गया। उन्होंने कहा कि हालांकि उन्हें हटाए जाने से पहले ही इन जानकारी पर एक फ्रांसीसी जीवविज्ञानी की नजर पड़ गई। उन्होंने इसे चीन से बाहर के उन वैज्ञानिकों के समूह से साझा कर दिया, जो कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने में जुटा है।
वैज्ञानिकों के अनुसार, आंकड़ों से पता चलता है कि वन्यजीव व्यापार में शामिल एक दुकान से एकत्र किए गए कोविड के सैंपल्स में रैकून कुत्ते के जीन भी शामिल हैं, जिससे संकेत मिलता है कि हो सकता है कि जानवर वायरस से संक्रमित हुए हों। उनका विश्लेषण पहली बार ‘द अटलांटिक’ में आया था। आंकड़े के विश्लेषण करने वाले यूटा यूनिवर्सिटी के वायरोलॉजिस्ट स्टीफन गोल्डस्टीन ने कहा, ‘इस बात की काफी संभावना है कि सैंपल में जिस जानवर का DNA था, उसी में वायरस भी रहा हो।’ रैकून कुत्तों को अक्सर उनके बालों के लिए पाला जाता है। पूरे चीन के पशु बाजारों में मांस के लिए बेचा जाता है।
read more: गुयाना ने मोटे अनाज के उत्पादन के लिए 200 एकड़ जमीन की पेशकश की