( ललित के झा )
वाशिंगटन, 22 जनवरी (भाषा) चीन को कड़ा संकेत देते हुए क्वाड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) देशों – भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के विदेश मंत्रियों ने मंगलवार को एक संयुक्त बयान में बलपूर्वक यथास्थिति को बदलने की कोशिश करने वाली किसी भी एकतरफा कार्रवाई का कड़ा विरोध किया।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर, ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग और जापान के विदेश मंत्री इवाया ताकेशी के साथ शीर्ष अमेरिकी राजनयिक के रूप में अपनी पहली बहुपक्षीय बैठक की मेजबानी की।
लगभग एक घंटे तक जारी बैठक के समापन पर, मंत्रियों ने इस साल के आखिर में भारत में होने जा रहे ‘क्वाड लीडरशिप समिट’ की पुन: पुष्टि की।
क्वाड देशों द्वारा जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया, ‘‘हमारे चार राष्ट्र इस बात पर कायम हैं कि समुद्री क्षेत्र सहित सभी क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय कानून, आर्थिक अवसर, शांति, स्थिरता और सुरक्षा, हिंद प्रशांत के लोगों के विकास और समृद्धि का आधार हैं। हम बलपूर्वक या जबरदस्ती यथास्थिति को बदलने की कोशिश करने वाली किसी भी एकतरफा कार्रवाई का कड़ा विरोध करते हैं।’’
बयान के अनुसार, ‘‘हम बढ़ते खतरों के मद्देनजर क्षेत्रीय समुद्री, आर्थिक और प्रौद्योगिकी सुरक्षा को मजबूत करने के साथ-साथ विश्वसनीय और लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम आने वाले महीनों में क्वाड के काम को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर हैं और भारत द्वारा आयोजित अगले ‘क्वाड लीडर्स समिट’ की तैयारी के लिए नियमित आधार पर मिलेंगे।’’
बयान में कहा गया है कि क्वाड मंत्रियों ने ‘स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत’ को मजबूत करने के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की, जहां कानून का शासन, लोकतांत्रिक मूल्य, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बरकरार रखा जाता है और उसकी रक्षा की जाती है।
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में, जयशंकर ने कहा कि बैठक ने एक स्पष्ट संदेश दिया है कि अनिश्चित और अस्थिर दुनिया में, ‘क्वाड’ दुनिया भर की भलाई के लिए एक ताकत बना रहेगा।
उन्होंने कहा ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक ट्रंप प्रशासन की शुरुआत के कुछ घंटों के भीतर हुई।’’
जयशंकर ने कहा ‘‘हमारी व्यापक चर्चाओं में एक स्वतंत्र, खुले, स्थिर और समृद्ध हिंद-प्रशांत को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न आयाम शामिल थे। व्यापक सोच, एजेंडे को गहरा करने और हमारे सहयोग को तेज करने के महत्व पर सहमति बनी।’’
भाषा मनीषा शोभना
शोभना