सियोल। Demand for resignation of South Korean President : दक्षिण कोरिया की मुख्य विपक्षी पार्टी ने बुधवार को राष्ट्रपति यून सुक येओल से आग्रह किया कि वह इस्तीफा दे दें नहीं तो उन्हें महाभियोग का सामना करना होगा। यून ने कुछ समय पहले ही अल्पकालिक ‘मार्शल लॉ’ को खत्म कर दिया था। इस कानून की वजह से सैनिकों ने संसद को घेर लिया था। हालांकि, सांसदों ने ‘मार्शल लॉ’ को हटाने के पक्ष में मतदान किया।
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कहा जा रहा है कि कैबिनेट के 12 मंत्री इस्तीफा सौंप चुके हैं। कई अन्य शीर्ष नेताओं ने भी इस्तीफे की पेशकश की है और राष्ट्रपति ने बुधवार सुबह का अपना आधिकारिक कार्यक्रम भी स्थगित कर दिया है। मंगलवार रात यून ने अचानक ‘मार्शल लॉ’ लागू कर दिया और विपक्ष के वर्चस्व वाली संसद में अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए संघर्ष करने के बाद ‘‘राष्ट्र विरोधी’’ ताकतों को खत्म करने का संकल्प लिया गया। राष्ट्रपति द्वारा लागू ‘मार्शल लॉ’ केवल छह घंटे तक ही प्रभावी रहा, क्योंकि ‘नेशनल असेंबली’ ने राष्ट्रपति के फैसले को खारिज करने के पक्ष में मतदान किया।
कैबिनेट की बैठक के दौरान सुबह साढ़े चार बजे के आसपास इस घोषणा (मार्शल लॉ) को औपचारिक रूप से हटा दिया गया। उदारवादी विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी 300 सीट वाली संसद में बहुमत रखती है। पार्टी ने बुधवार को कहा कि उसके सांसदों ने यून से तत्काल पद छोड़ने को कहा है, अन्यथा वे उनके खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए कदम उठाएंगे। डेमोक्रेटिक पार्टी ने एक बयान में कहा, राष्ट्रपति यून सुक येओल की ‘मार्शल लॉ’ की घोषणा संविधान का स्पष्ट उल्लंघन है। इसे घोषित करने के लिए किसी भी आवश्यक नियम का पालन नहीं किया गया। बयान में कहा गया, उनकी ‘मार्शल लॉ’ की घोषणा मूल रूप से अमान्य है और संविधान का गंभीर उल्लंघन है। यह विद्रोह का एक गंभीर कृत्य था और उनके खिलाफ महाभियोग के लिए एकदम सही आधार प्रदान करता है।
हालांकि, राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने के लिए संसद के दो-तिहाई या 300 में से 200 सदस्यों के समर्थन की आवश्यकता होगी। नेशनल असेंबली के अधिकारियों के अनुसार, डेमोक्रेटिक पार्टी और अन्य छोटे विपक्षी दलों के पास कुल 192 सीट हैं। लेकिन जब संसद ने 190-0 वोट से यून के ‘मार्शल लॉ’ की घोषणा को खारिज कर दिया, तो यून की सत्तारूढ़ ‘पीपुल्स पावर पार्टी’ के लगभग 10 सांसदों ने भी विपक्ष का समर्थन करते हुए मतदान किया। अगर यून पर महाभियोग चलाया जाता है, तो संवैधानिक न्यायालय द्वारा फैसला सुनाए जाने तक उनकी संवैधानिक शक्तियां छीन ली जाएंगी। दक्षिण कोरियाई सरकार में दूसरे नंबर के पद पर काबिज प्रधानमंत्री हान डक-सू, राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारियां संभालेंगे।