नई दिल्ली। तालिबान अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की वापसी का ही इंतजार कर रहा था। जैसे ही अमेरिकी सैनिकों ने वहां से लौटना शुरू किया तालिबान ने कई इलाकों में फिर से कब्जा करना शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं इन क्षेत्रों पर तालिबान ने इन इलाकों में अपने नियम-कायदों को लागू भी कर दिया है।
नाटो और अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद तालिबानी कट्टरपंथी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। देश की प्रमुख सीमाओं पर कब्जा और प्रांतीय राजधानी की घेराबंदी कर रहे हैं। कुछ हिस्सों में वे फिर से इस्लामी शासन की कठोर व्यवस्था लागू कर रहे हैं।
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दो दशक के बाद सैनिकों की वापसी
अफगानिस्तान से विदेशी सैनिकों की वापसी हो रही है। अमेरिका पर 9/11 में हुए आतकंवादी हमले के जिम्मेदार अल-कायदा के साजिशकर्ताओं को उखाड़ फेंकने के लिए अमेरिकी सेना ने यहां पर केंद्र बनाया था, लेकिन जो बाइडेन प्रशासन ने दो दशक के बाद सेना ने करीब 20 साल बाद बगराम एयरफील्ड को छोड़ दिया है।
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महिलाए घर न निकले बाहर.. पुरुष नहीं कटवाए दाढ़ी
कट्टरपंथियों ने महिलाओं को सख्त हिदायत दी है कि वो घर से बाहर अकेले न निकलें और पुरुष दाढ़ी नहीं काटवाए। पिछले महीने, तालिबान ने एक उत्तरी सीमा शुल्क चौकी शिर खान बंदर पर कब्जा कर लिया था। कब्जा करने के बाद तालिबान ने महिलाओं को अपने घरों से बाहर नहीं निकलने का आदेश जारी किया है।
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तालिबान ने लड़कियों के लिए दहेज देने पर भी नए नियम बनाए हैं। तालिबान ने बिना सबूत के मुकदमे चलाने शुरू कर दिए हैं। स्कूल, क्लीनिक वगैरह बंद कर दिए गए हैं। महिलाएं और युवा लड़कियां कढ़ाई, सिलाई और जूता बनाने का काम कर रही थीं, लेकिन तालिबान के आदेश से अब वे सब डरी, सहमी हुई हैं। रोजमर्रा की जरूरी चीजों के दाम बढ़ा दिए गए हैं।
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करीब 50 हजार से ज्यादा अफगान नागरिक देश छोड़कर जाना चाहते हैं। तालिबानी कट्टरपंथियों के अत्याचार की वजह से अफगानिस्तानी पड़ोसी देशों में शरण लेने की प्लानिंग कर रहे हैं। मध्य एशिया के तीन देशों- कजाखस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान से इस मामले पर बातचीत चल रही है।