बेरूत: Syria’s government collapses सीरिया की राजधानी दमिश्क में विद्रोहियों के घुसने और राष्ट्रपति बशर-अल असद के देश छोड़कर भागने संबंधी दावों के बीच सरकार गिरने के साथ ही असद परिवार के 50 साल के शासन का रविवार तड़के अप्रत्याशित अंत हो गया और लोगों ने सड़कों पर उतरकर जश्न मनाया तथा खुशी में हवा में गोलियां भी चलाईं।
दमिश्क में चौराहों पर खुशी से भरी भीड़ इकट्ठा हुई और सीरियाई क्रांतिकारी ध्वज लहराया जिससे ‘अरब स्प्रिंग’ विद्रोह के शुरुआती दिनों की याद ताजा हो गई।
राष्ट्रपति असद और अन्य शीर्ष अधिकारियों की कोई खबर न होने के बाद अनेक लोगों ने राष्ट्रपति भवन और असद परिवार के आवास में तोड़फोड़ की।
असद के करीबी सहयोगी रहे रूस ने कहा कि असद ने विद्रोही समूहों के साथ बातचीत के बाद देश छोड़ दिया और शांतिपूर्वक सत्ता हस्तांतरण के निर्देश दिए थे।
वर्षों पहले अलकायदा से नाता तोड़ने वाला अबू मोहम्मद अल-गोलानी सबसे बड़े विद्रोही गुट का नेता है और वह अब देश के भविष्य की दिशा तय करने के लिए तैयार हैं। अलकायदा से अलग होने के बाद वह बहुलवाद और धार्मिक सहिष्णुता को महत्व देने की बात कहता रहा है।
असद के शासन का अंत ईरान और उसके सहयोगियों के लिए एक बड़ा झटका है, जो पहले से ही इजराइल के साथ एक साल से अधिक संघर्ष के कारण कमजोर हो गए हैं।
पूरे गृहयुद्ध के दौरान असद का पुरजोर समर्थन करते रहे ईरान ने कहा कि सीरियाई लोगों को विनाशकारी विदेशी हस्तक्षेप के बिना अपने देश का भविष्य तय करना चाहिए।
इस बीच, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि अशांति के चलते सीरियाई सैनिकों के अपने मोर्चों से हटने के बाद इजरायली सैनिकों ने 1974 में गोलान हाइट्स में बनाए गए एक ‘बफर जोन’ पर कब्जा कर लिया है।
विद्रोहियों को अब युद्ध से तबाह और अब भी विभिन्न सशस्त्र गुटों में विभाजित देश की व्यवस्था को दुरुस्त करने की कठिन चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। तुर्किये से समर्थन प्राप्त विपक्षी लड़ाके उत्तर में अमेरिका-संबद्ध कुर्द बलों से लड़ रहे हैं, और इस्लामिक स्टेट समूह अब भी कुछ दूरदराज के इलाकों में सक्रिय है।
सीरियाई सरकारी टैलीविजन चैनल ने कुछ विद्रोहियों के एक समूह का वीडियो बयान प्रसारित किया जिसमें वे यह कहते नजर आए कि राष्ट्रपति बशर असद को सत्ता से बाहर कर दिया गया है और जेल में बंद सभी कैदियों को रिहा कर दिया गया है।
वीडियो में बयान पढ़ रहे व्यक्ति ने कहा कि ‘ऑपरेशंस रूम टू कॉन्कर दमिश्क’ ने सभी विपक्षी लड़ाकों और नागरिकों से ‘‘स्वतंत्र सीरियाई देश’’ की सरकारी संस्थाओं को संरक्षित रखने का आह्वान किया है।
विद्रोहियों ने दमिश्क में शाम चार बजे से शाम पांच बजे तक कर्फ्यू लगाने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि उन्होंने कुख्यात सैयदनाया जेल में बंद लोगों को रिहा कर दिया है, जिसके बारे में मानवाधिकार समूहों का कहना है कि वहां हजारों लोगों को प्रताड़ित किया गया और मार दिया गया।
वे ऑनलाइन प्रसारित एक वीडियो में जेल की कोठरियों को तोड़ते और दर्जनों महिला कैदियों को मुक्त करते दिखे। इस दौरान कई महिला कैदी हैरान और भ्रमित दिखाई दीं। उनमें कम से कम एक छोटा बच्चा भी नजर आया।
बाद में, सरकारी टेलीविजन पर दिखे विद्रोही कमांडर अनस सलखादी ने सीरिया के धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों को आश्वस्त करने की कोशिश करते हुए कहा, ‘‘सीरिया सभी के लिए है, कोई अपवाद नहीं है। सीरिया ड्रूज़, सुन्नियों, अलावियों और सभी संप्रदायों के लिए है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लोगों के साथ हम उस तरह से व्यवहार नहीं करेंगे जैसा असद परिवार ने किया था।’’
घटनाक्रम से खुश हुए दमिश्क के निवासी मस्जिदों में नमाज पढ़ने के लिए पहुंचे और ‘‘ईश्वर महान है’’ के नारे लगाते हुए चौराहों पर एकत्र हुए तथा जश्न मनाया। लोगों ने असद विरोधी नारे भी लगाए और कारों के हॉर्न बजाए। किशोर लड़कों ने सुरक्षाबलों द्वारा फेंके गए हथियार उठाए और हवा में गोलबारी की।
वहीं, सीरिया के प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी जलाली ने एक वीडियो बयान जारी करके कहा कि वह शासन की बागडोर शांतिपूर्ण तरीके से विपक्ष को सौंपने के लिए तैयार हैं।
जलाली ने कहा, ‘‘मैं अपने आवास पर ही हूं। मैं कहीं नहीं गया हूं क्योंकि मुझे अपने देश से प्रेम है।’’
उन्होंने कहा कि वह सुबह काम करने के लिए अपने कार्यालय जाएंगे। उन्होंने सीरियाई नागरिकों से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान न पहुंचाने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कल रात से यह जानकारी नहीं है कि असद और सीरियाई रक्षा मंत्री कहां हैं।
उन्होंने सऊदी टेलीविजन नेटवर्क अल-अरबिया को बताया कि शनिवार रात उनसे संपर्क नहीं पो पाया है।
संयुक्त अरब अमीरात के एक वरिष्ठ राजनयिक ने भी बहरीन में एक सम्मेलन में पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर असद के ठिकाने के बारे में कोई टिप्पणी करने से इनकार किया।
‘सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स’ के रामी अब्दुर्रहमान ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया कि असद ने रविवार तड़के दमिश्क से उड़ान भरी।
सीरिया में युद्ध के दौरान असद के मुख्य समर्थक रहे ईरान के सरकारी टेलीविजन चैनल ने खबर दी कि असद राजधानी छोड़ चुके हैं। टेलीविजन चैनल ने इस जानकारी के लिए कतर के ‘अल जजीरा न्यूज नेटवर्क’ का हवाला दिया लेकिन कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी।
सीरियाई लोगों की भीड़ रविवार सुबह दमिश्क के चौहारों पर जश्न मनाने के लिए एकत्र हुई, उसने असद विरोधी नारे लगाए और कार के हॉर्न बजाए। कुछ इलाकों में जश्न में गोलियां भी चलाई गईं।
सैनिक और पुलिस अधिकारी अपनी चौकियां छोड़कर भाग गए और विद्रोही रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय में घुस गए। दमिश्क के वीडियो में कुछ परिवार राष्ट्रपति भवन में घूमते दिखे और कुछ लोग प्लेट एवं अन्य घरेलू सामान लेकर निकलते नजर आए।
स्थानीय निवासी वकील उमर दाहेर (29) ने कहा, ‘‘मैं अपनी भावनाएं व्यक्त नहीं कर सकता। उन्होंने (असद ने) और उनके पिता ने हमें कई साल तक जिस डर में रहने को मजबूर किया और जिस दहशत एवं आतंक की स्थिति में मैं जी रहा था, मुझे उस पर यकीन नहीं होता।’’
दाहेर ने कहा कि उनके पिता को सुरक्षाबलों ने मार दिया था और उनके भाई को हिरासत में ले लिया गया था और यह नहीं पता कि उसके साथ क्या हुआ। उन्होंने कहा कि असद ‘‘एक अपराधी, तानाशाह और जानवर है।’’
मध्य दमिश्क में एक अन्य व्यक्ति गजल अल-शरीफ ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति पर और पूरे असद परिवार पर धिक्कार है।’’
दमिश्क में ‘एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) के एक पत्रकार ने बताया कि उसने राजधानी के बाहरी इलाके में सड़क के किनारे हथियारबंद निवासियों के समूहों को देखा और गोलियों की आवाजें सुनीं। शहर का मुख्य पुलिस मुख्यालय खाली प्रतीत होता है, उसका दरवाजा खुला था और बाहर कोई अधिकारी नहीं था।
‘एपी’ के एक अन्य पत्रकार ने खाली पड़ी सेना चौकी के फुटेज लिए जिसमें असद के पोस्टर के नीचे जमीन पर वर्दियां पड़ी दिख रही हैं।
यह 2018 के बाद पहली बार है जब विद्रोही दमिश्क के भीतर पहुंच गए। सीरियाई सैनिकों ने वर्षों की घेराबंदी के बाद 2018 में राजधानी के बाहरी इलाकों पर फिर से कब्जा कर लिया था।
सरकार समर्थक ‘शाम एफएम रेडियो’ ने बताया कि दमिश्क हवाई अड्डे को खाली करा लिया गया है और सभी उड़ानें रोक दी गई हैं।
सरकार समर्थक रहे ‘अल-वतन’ समाचार पत्र ने लिखा, ‘‘हम सीरिया के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत देख रहे हैं। हम अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं कि उन्होंने और ज़्यादा खून नहीं बहाया। हमारा मानना है और हमें भरोसा है कि सीरिया सभी सीरियाई लोगों के लिए होगा।’’
समाचारपत्र ने यह भी कहा कि अतीत में सरकारी बयानों को प्रकाशित करने के लिए मीडियाकर्मियों को दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए।
इसने कहा, ‘‘हमने केवल निर्देशों का पालन किया और जो समाचार उन्होंने हमें भेजे थे, हमने उन्हें प्रकाशित किया। यह जल्द ही स्पष्ट हो गया कि यह झूठ था।’’
असद के समर्थक रहे अलावी संप्रदाय ने एक बयान में सीरिया के युवाओं से ‘‘शांत, तर्कसंगत और विवेकपूर्ण व्यवहार करने तथा हमारे देश की एकता को तोड़ने वाली चीजें नहीं करने’’ का आह्वान किया।
इससे एक रात पहले सरकारी बल सीरिया के तीसरे सबसे बड़े शहर होम्स से पीछे हट गए जिसके बाद विपक्षी बलों ने इस पर कब्जा कर लिया। यह शहर, राजधानी दमिश्क और सीरिया के तटीय प्रांतों लताकिया और टारटस के बीच स्थित है। ये प्रांत सीरियाई नेता का गढ़ हैं और यहां रूस का नौसैनिक अड्डा भी है।
विद्रोहियों ने शनिवार को घोषणा की थी कि उन्होंने होम्स पर कब्जा कर लिया है। विद्रोहियों ने 27 नवंबर से शुरू हुए हमलों के बाद से अलेप्पो और हमा शहरों के साथ-साथ दक्षिण के बड़े हिस्से पर पहले ही कब्जा कर लिया था।
दमिश्क में विद्रोहियों के पहुंचने से पहले शनिवार को सीरियाई सेना दक्षिणी सीरिया के ज्यादातर हिस्सों से पीछे हट गई जिसके कारण दो प्रांतीय राजधानियों समेत देश के अधिकांश क्षेत्र विपक्षी लड़ाकों के नियंत्रण में आ गए।
सीरिया के विद्रोही गुट जिहादी ‘हयात तहरीर अल-शाम’ समूह (एचटीएस) प्रमुख अबू मोहम्मद अल-गोलानी ने बृहस्पतिवार को सीरिया से ‘सीएनएन’ को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा था कि इस हमले का उद्देश्य असद की सरकार को सत्ता से बेदखल करना है।
असद 2000 में किस्मत के फेर से सत्ता में आए थे। उनके पिता बशर के सबसे बड़े भाई बासेल अल असद को अपना उत्तराधिकारी बनाने की कोशिश में थे, लेकिन 1994 में दमिश्क में एक कार दुर्घटना में बासेल की मौत हो गई।
बशर-अल- असद पर गृहयुद्ध के दौरान युद्ध अपराध और मानवता के विरुद्ध अपराध का आरोप लगाया गया है, जिसमें 2013 में राजधानी के बाहरी इलाके में रासायनिक हथियारों से हमला भी शामिल है।
असद के कट्टर समर्थक ईरान की ओर से कोई बयान नहीं आया। दमिश्क में ईरानी दूतावास को खाली करने के बाद उसमें तोड़फोड़ की गई। एपी की फुटेज में टूटी हुई खिड़कियां और प्रवेश द्वार पर बिखरे हुए दस्तावेज दिखाई दिए।
सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गीर पेडरसन ने सीरिया में ‘‘व्यवस्थित ढंग से राजनीतिक बदलाव’’ सुनिश्चित करने के लिए जिनेवा में तत्काल वार्ता का आह्वान किया है।
उन्होंने कतर में वार्षिक दोहा फोरम में पत्रकारों से कहा कि सीरिया में स्थिति हर पल बदल रही है।
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि उन्हें ‘‘सीरियाई लोगों के लिए खेद है।’’ रूस असद का मुख्य अंतरराष्ट्रीय समर्थक है।
दमिश्क में लोगों ने आवश्यक वस्तुएं एकत्र करनी शुरू कर दी हैं। हजारों लोग देश छोड़ने की कोशिश में लेबनान से सटी सीरिया की सीमा पर गए लेकिन लेबनानी सीमा अधिकारियों ने शनिवार देर रात मुख्य मस्ना सीमा को बंद कर दिया।
संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि वह अपने गैर-महत्वपूर्ण कर्मचारियों को एहतियात के तौर पर देश से बाहर भेज रहा है।
इस बीच, अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को कहा कि अमेरिका को सीरिया में सैन्य कार्रवाई से बचना चाहिए।
उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘यह हमारी लड़ाई नहीं है।’’
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने कैलिफोर्निया में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘अमेरिका सीरियाई गृहयुद्ध के बीच सैन्य हस्तक्षेप नहीं करेगा।’’
इजराइली सेना ने रविवार को कहा कि उसने भी ‘‘अपनी रक्षा के लिए आवश्यक अन्य स्थानों’’ पर सेना भेजी है और सेना की यह तैनाती इजराइली-नियंत्रित ‘गोलान हाइट्स’ के निवासियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए की गई है।
उसने साथ ही कहा कि वह ‘‘सीरिया के आंतरिक घटनाक्रम में हस्तक्षेप नहीं कर रहा।’’ इजराइल ने 1967 में सीरिया से ‘गोलान हाइट्स’ को अपने कब्जे में ले लिया था।
सीरिया में विद्रोहियों के अप्रत्याशित हमले की शुरुआत 27 नवंबर को हुई थी जब बंदूकधारियों ने सीरिया के सबसे बड़े उत्तरी शहर अलेप्पो और देश के चौथे सबसे बड़े शहर हमा पर कब्जा कर लिया था।
असद की सरकार के रविवार को गिरने के साथ ही सत्ता पर काबिज रहने के उनके लगभग 14 साल के संघर्ष का नाटकीय अंत हो गया।
सीरियाई गृहयुद्ध में लगभग पांच लाख लोग मारे गए हैं और देश की आधी आबादी विस्थापित हो गई है। जैसे-जैसे विद्रोह गृहयुद्ध में तब्दील होता गया, लाखों सीरियाई लोग सीमा पार करके जॉर्डन, तुर्किये, इराक और लेबनान और यूरोप की ओर भाग गए।
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