काबुल में आत्मघाती हमला, शरणार्थी मामलों के मंत्री की मौत

काबुल में आत्मघाती हमला, शरणार्थी मामलों के मंत्री की मौत

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  • Publish Date - December 11, 2024 / 09:30 PM IST,
    Updated On - December 11, 2024 / 09:30 PM IST

इस्लामाबाद, 11 दिसंबर (एपी) अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में बुधवार को एक आत्मघाती बम धमाके में तालिबान सरकार के शरणार्थी मामलों के मंत्री और दो अन्य लोगों की मौत हो गई।

अधिकारियों ने बताया कि यह तीन साल पहले अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा करने के बाद तालिबान के शीर्ष पदाधिकारियों में शामिल कोई सदस्य पहली बार धमाके में मारा गया है।

अधिकारियों ने बताया कि धमाका मंत्रालय के भीतर हुआ और इसमें शरणार्थी मामलों के मंत्री खलील हक्कानी की मौत हो गई। बुधवार को जारी उनकी आखिरी आधिकारिक तस्वीर में वह उप प्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर की अध्यक्षता में हुई बैठक में हिस्सा लेते दिखाई दे रहे थे।

खलील हक्कानी तालिबान सरकार में कार्यवाहक गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी के करीबी रिश्तेदार थे। सिराजुद्दीन तालिबान के भीतर एक शक्तिशाली नेटवर्क का नेतृत्व करते हैं।

खलील हक्कानी तालिबान के पहले कैबिनेट मंत्री हैं जिनकी अफगानिस्तान की सत्ता पर तीन साल पहले संघठन का कब्जा होने के बाद हमले में मौत हुई है। धमाके की तत्काल किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है।

सरकार के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में कहा कि हक्कानी की मौत एक बड़ी क्षति है। मुजाहिद ने हक्कानी को एक अथक पवित्र योद्धा बताया, जिन्होंने अपना जीवन इस्लाम की रक्षा में बिताया।

विल्सन सेंटर के दक्षिण एशिया संस्थान के निदेशक माइकल कुगेलमैन के मुताबिक, हक्कानी का मारा जाना उनके कद और प्रभाव को देखते हुए, सत्ता में उनकी वापसी के बाद तालिबान के लिए सबसे बड़ा झटका हो सकता है।

उन्होंने कहा कि यह घटना ऐसे समय में घटी है जब तालिबान ने दशकों के युद्ध के बाद शांति बहाल करने के लिए अपनी साख दांव पर लगा दी है।

अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और हक्कानी के भतीजे अनस ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी।

इस बीच, तालिबान सुरक्षाकर्मियों ने विस्फोट स्थल की ओर जाने वाली सड़क को अवरुद्ध कर दिया और फिल्मांकन एवं फोटोग्राफी पर रोक लगा दी है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री इसहाक डार ने हक्कानी की हत्या की निंदा की है। उन्होंने कहा कि वह विस्तृत जानकारी के लिए काबुल के संपर्क में हैं।

इस्लामिक स्टेट समूह से जुड़े गुटों को सत्तारूढ़ तालिबान का प्रमुख प्रतिद्वंद्वी माना जाता है और इन समूहों ने पहले भी अफगानिस्तान में हमले किए हैं।

दक्षिण-पश्चिमी काबुल में सितंबर की शुरुआत में एक आत्मघाती हमलावर ने धमाका किया था, जिससे कम से कम छह लोगों की मौत हो गई थी और 13 अन्य घायल हो गये थे।

एपी धीरज सुरेश

सुरेश