कोलंबो, 13 जनवरी (भाषा) श्रीलंका में स्थानीय कैथोलिक चर्च के प्रमुख कार्डिनल मैल्कम रंजीत ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय के एक फैसले को “महत्वपूर्ण” करार देते हुए उसका स्वागत किया। श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना को शीर्ष अदालत ने बृहस्पतिवार को निर्देश दिया था कि 2019 के ईस्टर हमले के पीड़ितों को मुआवजे के रूप में 10 करोड़ श्रीलंकाई रुपये का भुगतान करें।
शीर्ष अदालत ने भारत से विश्वसनीय खुफिया जानकारी होने के बावजूद देश के सबसे खराब हमलों में से एक को रोकने में उनकी लापरवाही के लिए सिरिसेना और चार पूर्व शीर्ष अधिकारियों को बृहस्पतिवार को हमले के पीड़ितों को मुआवजे के रूप में कुल 31 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया।
आईएसआईएस से जुड़े स्थानीय इस्लामी चरमपंथी समूह नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) से जुड़े नौ आत्मघाती हमलावरों ने 21 अप्रैल, 2019 को तीन कैथोलिक चर्चों और कई आलीशान होटलों में सिलसिलेवार विस्फोटों को अंजाम दिया था, जिसमें 11 भारतीय और सहित लगभग 270 लोग मारे गए थे और 500 से अधिक घायल हो गए थे।
सात सदस्यीय पीठ ने यह भी फैसला सुनाया कि 2019 के ईस्टर हमलों को रोकने में विफल रहने के लिए दायर 12 याचिकाओं में नामित प्रतिवादियों ने याचिकाकर्ताओं के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया था।
रंजीत ने संवाददाताओं से कहा, “यह फैसला दिखाता है कि किसी का पद कितना भी ऊंचा क्यों न हो, उन्हें जवाबदेह होना चाहिए और जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।”
रंजीत ने कहा कि देश में न्याय का सम्मान करने वाले सभी लोगों के लिए अदालत का फैसला महत्वपूर्ण है।
भाषा जितेंद्र माधव
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