श्रीलंका में नवंबर में होने वाले संसदीय चुनाव के बाद देश भर में होंगे स्थानीय परिषद चुनाव

श्रीलंका में नवंबर में होने वाले संसदीय चुनाव के बाद देश भर में होंगे स्थानीय परिषद चुनाव

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  • Publish Date - October 3, 2024 / 04:02 PM IST,
    Updated On - October 3, 2024 / 04:02 PM IST

कोलंबो, तीन अक्टूबर (भाषा) श्रीलंका में जारी आर्थिक संकट के बीच, इस साल के समापन से पहले दो और देश-व्यापी चुनाव होने हैं। इनमें नवंबर में संसदीय चुनाव जबकि दिसंबर में होने वाला स्थानीय परिषद चुनाव शामिल है। पिछले महीने देश में राष्ट्रपति के पद के लिये चुनाव कराये गये थे ।

नकदी संकट से जूझ रहे श्रीलंका में 21 सितंबर को राष्ट्रपति चुनाव कराये गये थे । इसके बाद 14 नवंबर को देश में संसदीय चुनाव होने हैं और तीसरे चुनाव दिसंबर में स्थानीय परिषद के होंगे।

इस बीच, दक्षिणी प्रांत इलपिटिया में स्थानीय परिषद के चुनाव 26 अक्टूबर को कराये जायेंगे ।

श्रीलंका के स्वतंत्र चुनाव आयोग ने बुधवार देर रात एक बयान में कहा कि 22 अगस्त को दिए गए उच्चतम न्यायालय के आदेश के मद्देनजर संसदीय चुनावों के तुरंत बाद स्थानीय चुनाव कराने की व्यवस्था की जाएगी।

आदेश के अनुसार, 340 स्थानीय परिषदों के चुनाव 14 नवंबर से 30-35 दिनों के बीच होने हैं, जिसका मतलब है कि यह दिसंबर के तीसरे सप्ताह तक के लिए निर्धारित किया जाएगा।

अदालत ने फैसला दिया था कि स्थानीय परिषद के चुनाव नौ मार्च, 2023 की पूर्व निर्धारित तिथि पर होने चाहिए थे, और इसे न कराना मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

तत्कालीन राष्ट्रपति और वित्त मंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने 2022 के आर्थिक संकट के बाद देश की खराब वित्तीय स्थिति को जिम्मेदार ठहराया और कहा था कि चुनाव कराना संभव नहीं है।

चुनाव आयोग द्वारा प्रारंभिक व्यवस्था करने और नामांकन स्वीकार करने के बावजूद चुनाव न कराने का निर्णय घोषित किया गया।

अदालत ने कहा कि वित्त मंत्री के रूप में विक्रमसिंघे चुनाव कराने के लिए आवश्यक धन आवंटित न करके अधिकारों के उल्लंघन के दोषी हैं।

तत्कालीन विपक्ष ने विक्रमसिंघे पर हार के डर से चुनाव न कराने का आरोप लगाया था।

राष्ट्रपति चुनाव के बाद 23 सितंबर को मार्क्सवादी जनता विमुक्ति पेरामुना पार्टी के व्यापक मोर्चे, नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) के नेता अनुरा कुमारा दिसानायके ने श्रीलंका के नौवें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली।

दिसानायके ने 24 सितंबर को संसद को भंग करने का आदेश देने वाली विशेष राजपत्र अधिसूचना पर हस्ताक्षर किए।

भाषा रंजन रंजन मनीषा

मनीषा