कोलंबो, 14 नवंबर (एपी) श्रीलंका में बृहस्पतिवार को नयी संसद के लिए चुनाव हुआ, जो राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) पार्टी के लिए पहली बड़ी परीक्षा है।
देश में 2022 के आर्थिक संकट के बाद यह पहला संसदीय चुनाव है।
दिसानायके ने कहा कि 225 सदस्यीय संसद में पूर्ण बहुमत के पास पहुंचने पर भी उन्हें खुशी होगी।
मतदान निगरानी समूहों ने कहा कि मतदान प्रतिशत सितंबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव में दर्ज 79 प्रतिशत से कम रहा।
निर्वाचन आयोग ने कहा कि उसे देशभर में कुल 65 प्रतिशत मतदान होने की उम्मीद है।
चुनाव अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय समयानुसार शाम चार बजे मतदान समाप्त होने के तुरंत बाद डाक मतपत्रों की गिनती शुरू हो गई, जबकि बृहस्पतिवार को डाले गए मतों की गिनती मतगणना केंद्रों पर सभी मतपेटियों के पहुंचने के तुरंत बाद शुरू होगी और पहला परिणाम मध्य रात्रि के बाद आने की उम्मीद है।
इस द्वीपीय देश में 21 सितंबर को हुए राष्ट्रपति चुनाव में अनुरा कुमारा दिसानायके को जीत हासिल हुई थी लेकिन वह 50 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल करने में विफल रहे थे जिसके बाद दिसानायके अपने भ्रष्टाचार विरोधी सुधार कार्यक्रम को लागू करने के लिए मजबूत संसद की वकालत कर रहे हैं।
यदि उनकी पार्टी ‘नेशनल पीपुल्स पावर’ (एनपीपी) को 225 सदस्यीय संसद पर नियंत्रण पाना है तो उन्हें चुनाव में कम से कम 113 सीट पर जीत हासिल करनी होगी। चुनावी पर्यवेक्षकों का मानना है कि पार्टी बहुमत के लिये जरूरी आंकड़ा हासिल कर लेगी।
एनपीपी का गठन 2019 में किया गया था और यह श्रीलंका के राजनीतिक परिदृश्य में अपेक्षाकृत नया दल है। पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि इसके कई उम्मीदवार नए चेहरे हैं और इनका मुकाबला देश के अन्य पुराने दलों के उम्मीदवारों से हैं।
राष्ट्रपति चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे साजिथ प्रेमदासा और उनकी पार्टी ‘यूनाइटेड पीपुल्स पावर’ एनपीपी के मुख्य प्रतिद्वंद्वी हैं।
भाषा
प्रशांत अविनाश
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