श्रीलंका ने राष्ट्रीय एकता कार्यालय स्थापित करने संबंधी विधेयक को मंजूरी दी

श्रीलंका ने राष्ट्रीय एकता कार्यालय स्थापित करने संबंधी विधेयक को मंजूरी दी

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  • Publish Date - January 9, 2024 / 08:35 PM IST,
    Updated On - January 9, 2024 / 08:35 PM IST

कोलंबो, नौ जनवरी (भाषा) श्रीलंका की संसद ने राष्ट्रीय एकता एवं सुलह कार्यालय स्थापित करने के लिए मंगलवार को एक विधेयक पारित किया, जिसे अल्पसंख्यक तमिल समुदाय के साथ संघर्ष के बाद सुलह की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के तौर पर देखा जा रहा है।

राष्ट्रीय एकता एवं सुलह कार्यालय स्थापित करने के विधेयक को बहुमत से पारित कर दिया गया। 48 सदस्यों ने इसके पक्ष में जबकि सात ने विरोध में मतदान किया।

विधेयक के विरोध में मतदान करने वाले तमिल सांसदों ने दावा किया कि इसका कोई फायदा नहीं है क्योंकि पहले स्थापित सुलह तंत्र अल्पसंख्यक समुदाय को कोई समाधान प्रदान करने में नाकाम रहे हैं।

न्याय मंत्री विजयदास राजपक्षे ने कहा कि सुलह कार्यालय स्थापित करने से यह सुनिश्चित होगा कि समुदाय सौहार्दपूर्वक रह सकें।

विधेयक के अनुसार सुलह कार्यालय के मामलों को देखने के लिए एक सचिवालय स्थापित किया जाएगा, और एक महानिदेशक इसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में कार्य करेगा।

कार्यालय में 11 सदस्य होंगे, जिनमें से एक सदस्य को न्याय मंत्री द्वारा नामित और राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाएगा, जबकि राष्ट्रपति 10 अन्य सदस्यों को मंत्री की सिफारिशों पर नियुक्त करेगा। सदस्य का कार्यकाल तीन वर्ष का होगा और राष्ट्रपति मंत्री की सिफारिश पर अध्यक्ष की नियुक्ति करेगा।

कार्यालय राष्ट्रीय एकता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले मुद्दों को हल करने और विभिन्न समुदायों के बीच तनाव व संघर्ष को खत्म करने के लिए सरकार को सुझाव देगा।

उल्लेखनीय है कि लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) ने लगभग 30 वर्षों तक एक अलग तमिल मातृभूमि के लिए यहां सशस्त्र अभियान चलाया था। हालांकि 2009 में श्रीलंकाई सेना द्वारा लिट्टे के सर्वोच्च नेता वी. प्रभाकरण को मार गिराने के बाद संगठन का पतन हो गया था।

भाषा

जोहेब माधव

माधव