सियोल, 21 जनवरी (एपी) दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल ने मंगलवार को इस बात से इनकार किया कि उन्होंने मार्शल लॉ के उनके आदेश के खिलाफ सांसदों को मतदान से रोकने के लिये सेना को निर्वाचित सदस्यों को नेशनल असेंबली से खींचकर बाहर लाने को कहा था।
मार्शल लॉ की घोषणा को लेकर हिरासत में लिये जाने वाले दक्षिण कोरिया के पहले पदस्थ राष्ट्रपति बनने वाले येओल अदालत में पेश हुए। वह महाभियोग का सामना कर रहे हैं।
तीन दिसंबर को अचानक मार्शल लॉ लागू करने के बाद, यून ने नेशनल असेंबली को घेरने के लिए सेना और पुलिस अधिकारी भेजे, लेकिन पर्याप्त संख्या में सांसद उनके आदेश को अस्वीकार करने के लिए सर्वसम्मति से मतदान करने में सफल रहे। इसके बाद यून के मंत्रिमंडल को अगली सुबह ही इस आदेश को वापस लेना पड़ा।
मार्शल लॉ की घोषणा करते हुए, यून ने संसद को सरकारी कामों में बाधा डालने वाले “अपराधियों का अड्डा” और “बेशर्म उत्तर कोरिया अनुयायियों और राज्य विरोधी ताकतों” को खत्म करने का संकल्प व्यक्त किया।
संवैधानिक न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मून ह्युंगबे द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने कमांडरों को सांसदों को बाहर निकालने का आदेश दिया था, यून ने जवाब दिया कि उन्होंने ऐसा नहीं किया था।
भाषा
प्रशांत पवनेश
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