दक्षिण अफ्रीका में खदान में फंसे खनिकों को बचाने का अभियान समाप्त, मृतकों की संख्या 87 हुई

दक्षिण अफ्रीका में खदान में फंसे खनिकों को बचाने का अभियान समाप्त, मृतकों की संख्या 87 हुई

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  • Publish Date - January 16, 2025 / 07:52 PM IST,
    Updated On - January 16, 2025 / 07:52 PM IST

स्टिलफोन्टेन, 16 जनवरी (एपी) दक्षिण अफ्रीका में पुलिस और बंद पड़ी सोने की खदान में अवैध रूप से काम करते समय फंसे खनिकों के बीच एक महीने तक चले गतिरोध के दौरान मरने वालों की संख्या 87 हो गई। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

पुलिस ने शुरू में खनिकों की मदद करने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद आक्रोश बढ़ गया। खनिकों को “बाहर निकालने” के बजाय उनकी भोजन की आपूर्ति बंद करने के लिए अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू की जा सकती है।

राष्ट्रीय पुलिस प्रवक्ता एथलेंडा मेथे ने कहा कि अदालत के आदेश पर सोमवार को शुरू किए गए अभियान के दौरान 78 शव बरामद किए गए और 276 लोगों को जीवित बचाया गया।

मेथे ने बताया कि बचाव अभियान से पहले नौ अन्य शव बरामद किये गये थे।

पिछले महीने अधिकारियों ने कहा था कि वे खनिकों की मदद नहीं करेंगे क्योंकि वे ‘अपराधी’ हैं। इसके बाद सामुदायिक समूहों ने बचाव प्रयास शुरू किए थे।

संदेह है कि खनिकों की मौत भूख और शरीर में पानी की कमी के कारण हुई। हालांकि मौत का कोई कारण अभी तक पता नहीं चला है।

पिछले साल ‘बफेल्सफोंटेन गोल्ड माइन’ में खनिकों को भोजन और दूसरे सामानों की आपूर्ति बंद करने के लिए दक्षिण अफ्रीकी अधिकारियों की कड़ी आलोचना हुई थी।

पुलिस और खदान मालिकों पर रस्सियां छीन लेने आरोप लगाया गया, जिसका उपयोग खनिक खदान में प्रवेश करने और वहां से चीजें भेजने के लिए करते थे।

पिछले साल अदालत ने अधिकारियों को आदेश दिया था कि वे खनिकों तक भोजन और पानी पहुंचाने की अनुमति दें, जबकि पिछले सप्ताह एक अन्य अदालती फैसले ने उन्हें बचाव अभियान शुरू करने का निर्देश दिया गया।

पुलिस ने बुधवार को बचाव अभियान समाप्त करने की घोषणा की।

मेथे ने कहा कि बृहस्पतिवार को यह सुनिश्चित करने के लिए एक कैमरा भेजा जाएगा कि खदान में कोई बचा तो नहीं है। यह खदान दक्षिण अफ्रीका की सबसे गहरी खदानों में से एक है और खनिक 2.5 किलोमीटर की गहराई में काम कर रहे थे।

मेथे ने बताया कि आधिकारिक बचाव अभियान से पहले कम से कम 13 लोग खदान से बाहर आ चुके थे।

पुलिस ने बताया कि खदान में काम करने वाले अधिकतर लोग पड़ोसी देशों के नागरिक हैं।

एपी

शुभम जोहेब

जोहेब

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