कनाडा से छह भारतीय राजनयिक निष्कासित: मीडिया

कनाडा से छह भारतीय राजनयिक निष्कासित: मीडिया

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  • Publish Date - October 14, 2024 / 11:28 PM IST,
    Updated On - October 14, 2024 / 11:28 PM IST

ओटावा, 14 अक्टूबर (भाषा) कनाडा ने उच्चायुक्त सहित छह भारतीय राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है। कनाडा के मीडिया ने सोमवार को एक अज्ञात वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से यह जानकारी दी है।

यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है, जब भारत ने दिल्ली स्थित कनाडा उच्चायोग के छह सदस्यों को निष्कासित करने की घोषणा की है।

‘ग्लोब एंड मेल’ अखबार ने कनाडा के अधिकारी के हवाले से कहा कि रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) के पास सबूत है कि छह राजनयिक जून 2023 में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की कथित साजिश में शामिल थे। निज्जर की पिछले साल जून में ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

आरसीएमपी आयुक्त माइक डुहेम ने बाद में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, व्यापक हिंसा, हत्याओं और भारतीय सरकार के ‘‘एजेंट’’ से जुड़ी सार्वजनिक सुरक्षा से संबंधित खतरे की चेतावनी दी।

इससे कुछ घंटे पहले, भारत ने कनाडा से अपने उच्चायुक्त और ‘‘निशाना बनाए जा रहे’’ अन्य राजनयिकों एवं अधिकारियों को वापस बुलाने की घोषणा की तथा निज्जर की हत्या की जांच से राजदूत को जोड़ने के कनाडा के आरोपों को दृढ़तापूर्वक खारिज कर दिया था।

डुहेम ने बताया कि निज्जर की हत्या के बाद से भारतीय मूल के 10 से ज्यादा लोगों को चेतावनी दी गई है कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि वे भारतीय एजेंटों के निशाने पर हो सकते हैं।

आरसीएमपी ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि विभिन्न विभागों की एक टीम ने ‘‘भारत सरकार के एजेंट द्वारा संचालित आपराधिक गतिविधि की व्यापकता और गहराई, तथा कनाडा के नागरिकों और कनाडा में रहने वाले व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए उत्पन्न खतरों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई है।’’

बयान में कहा गया, ‘‘कानून लागू करने वाली एजेंसियों की कार्रवाई के बावजूद, नुकसान जारी है, जिससे हमारी सार्वजनिक सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो गया है।’’

पिछले साल सितंबर में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट की ‘‘संभावित’’ संलिप्तता के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंधों में गंभीर तनाव पैदा हो गया था। भारत ने कनाडा के आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया था।

भाषा आशीष संतोष

संतोष