Situation like civil war in Russia नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन का युद्ध पिछले कुछ महीनों से जारी है। ऐसे में इस जंग के बीच एक बड़ी खबर यह है कि रूस में आपसी युद्ध ही शुरू हो गया है। रूस में वैगनर ग्रुप के मुखिया येवगेनी प्रिगोझिन ने अपने ही राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ बगावत कर दी है। ऐसे में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए चुनौती है कि सीमा पार युद्ध को झेला जाए या आंतरिक विरोध से निपटा जाए।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने वैगनर के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन पर देशद्रोह, सशस्त्र विद्रोह शुरू करने और अपने ही देश की पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया है। वहीं इस आरोप पर प्रिगोझिन का कहना है कि उनका उद्देश्य सैन्य तख्तापलट नहीं बल्कि न्याय के लिए मार्च निकालना है।
Wagner Group Attack on Russia: वैगनर ने अपने टेलीग्राम चौनल के जरिए व्लादिमीर पुतिन के भाषण के बाद एक बयान जारी किया है. इस बयान में वैगनर का कहना है कि पुतिन ने गलत विकल्प चुना है और रूस को जल्द ही एक नया राष्ट्रपति मिलेगा. वैगनर ने यह भी कहा है कि जीत उनकी ही होगी और एक या दो गद्दारों के जीवन को 25,000 सैनिकों के जीवन से ऊपर रखा गया है. वैगनर के बयान में कहा गया है कि रूस में गृह युद्ध अब आधिकारिक तौर पर शुरू हो गया है.
महीनों तक प्रिगोझिन ने यूक्रेन में रूस के सैन्य अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. वैगनर ने रूसी जेलों में बंद हजारों कैदियों को बाहर निकालकर अपने वैगनर आर्मी में भर्ती कराया है. उनका लंबे समय से युद्ध चला रहे सैन्य प्रमुखों के साथ खुला झगड़ा रहा है, लेकिन अब यह विद्रोह में बदल गया है. वैगनर सेनाएं कब्जे वाले पूर्वी यूक्रेन से बड़े दक्षिणी रूसी शहर रोस्तोव-ऑन-डॉन में घुस गई हैं और इसकी सैन्य सुविधाओं पर नियंत्रण करने का दावा किया है.
इस मुद्दे पर राष्ट्रपति पुतिन का कहना है कि स्थिति कठिन है, लेकिन उन्होंने रूस की रक्षा के लिए सब कुछ करने का वादा किया है।
प्रिगोझिन का दावा है कि सैन्य तख्तापलट के सभी दावे बेतुके हैं. यह विवाद वैगनर आर्मी के सैनिकों को पर्याप्त किट और गोला-बारूद उपलब्ध कराने में सेना की विफलता पर शुरू हुआ था, लेकिन अब यह प्राइवेट आर्मी रूसी के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और सशस्त्र बलों के प्रमुख वालेरी गेरासिमोव के लिए सीधी चुनौती बन गई है. हालांकि प्रिगोझिन का स्पष्ट कहना है कि अब तक यह तख्तापलट नहीं है, क्योंकि सरकार से सत्ता छीनने की कोई कोशिश नहीं की गई है। बताते चलें कि प्रिगोझिन की प्राइवेट आर्मी रूसी सेना का सीधे प्रतिनिधित्व नहीं करती है, हालांकि वह रूसी सेना को व्यापक समर्थन जरूरी देती है।
गौरतलब है कि वैगनर आर्मी की यह बगावत रूस के शीर्ष अधिकारियों को अपदस्थ करने की एक कोशिश जरूर है, माना जा रहा है कि यह बगावत राष्ट्रपति पुतिन के लिए सीधी चुनौती है, एक समय वो भी था जब राष्ट्रपति पुतिन ने प्रिगोझिन को एक ऐसी प्राइवेट आर्मी तैयार करने की इजाजत दी थी, लेकिन अब इसी प्राइवेट आर्मी पर खुद पुतिन का कोई कंट्रोल नहीं है, अब प्रिगोझिन खुद इतना बागी हो गया है कि वो पुतिन के लिए सीधे चुनौती बनकर खड़ा है।
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