Shri Ganesh Temple Of Berlin: जर्मनी भी हुआ ‘श्री गणेश’ का दीवाना.. बनकर तैयार हुआ यह शानदार मंदिर, दीवाली पर होगी प्राण-प्रतिष्ठा

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  • Publish Date - September 10, 2023 / 06:26 PM IST,
    Updated On - September 10, 2023 / 06:26 PM IST

बर्लिन: सनातन धर्म के प्रति झुकाव विदेशियों में कोई नै बात नहीं है। विदेशी धरतियों पर हिन्दू मंदिरो का निर्माण तेजी से हो रहा है। वही अब जर्मनी देश का सबसे बड़ा मंदिर बर्लिन में अब तैयार हो चुका है। (Shri Ganesh Temple Of Berlin) 70 साल के विल्वनाथन कृष्णामूर्ति के दशकों की कोशिश के बाद 20 सालों में ये मंदिर बनकर तैयार हुआ। 20 साल पहले इस मंदिर की कंस्ट्रक्शन का काम शुरू किया गया था जो अब जाकर पूरा हुआ। भले ही मंदिर बनकर पूरी तरह तैयार हो गया है लेकिन इसके अंदर अभी भी भगवान विराजमान नहीं है। बताया जा रहा ही कि मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा इसी साल के दीवाली में की जाएगी।

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मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो पचास साल पहले कृष्णामूर्ति बर्लिन आए थे। तब से उनका यही सपना था कि वो वहां अपनी कम्युनिटी के लिए एक मंदिर की स्थापना करें। इलेक्ट्रिकल कंपनी एईजी में काम करते हुए उन्हें एक एसोसिएशन बनाई जो श्री गणेश मंदिर तैयार करने में जुट गई। आखिरकार इस एक मंदिर को तैयार करने में बीस साल कैसे लग गए? 2004 में मंदिर के लिए एसोसिएशन का निर्माण किया गया।

फाइनेंशियल दिक्कतों की वजह से जो काम 2007 में शुरू होने वाला था वो 2010 तक भी शुरू नहीं हो पाया। अभी भी वित्तीय परेशानियां कम नहीं हुई है। कुल चार कारणों से अकसर काम रुक जाता है – पहला है अप्रूवल प्रोसिजर, डेडलाइन्स, तीसरा फाइनेंशियल प्लान्स और चौथा रेगुलेशंस ।

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मनी कंट्रोल के एक रिपोर्ट में कृष्णामूर्ति ने बताया कि हमने इस मंदिर का सारा काम अपनी डोनेशंस के दम पर पूरा किया। बर्लिन सीनेट की ओर से हमें किसी भी तरह का सपोर्ट नहीं मिला। धीरे-धीरे वक्त के साथ बर्लिन में इंडियन टेक प्रोफेशनल्स की संख्या बढ़ती गई। इसी के साथ ही डोनेशंस में भी इजाफा हुआ। हाल ही में बर्लिन में अमेजॉन के लिए सबसे बड़ी बिल्डिंग तैयार की जा रही है। इसी बिल्डिंग से ज्यादातर भारतीयों की इनकम होती है। आगे कृष्णामूर्ति ने बताया कि पिछले पांच सालों में लोग काफी खुले दिल से दान कर रहे हैं।

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