PM Sheikh Hasina Resigne Latest News : ढाका। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सोमवार देश में चल रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच अपनी पद से इस्तीफा दे दिया। इतना ही नहीं वह राजधानी ढाका छोड़ किसी सुरक्षित जगह पर के लिए निकल गई हैं। सूत्रों के अनुसार ऐसा माना जा रहा है कि पीएम शेख हसीना देश छोड़कर किसी सुरक्षित ठिकाने पर चली गई हैं। वहीं प्रदर्शनकारी शेख हसीना के घर में घुस गए हैं और तोड़फोड़ कर रहे हैं। बांग्लादेश आर्मी चीफ ने हसीना से कहा था कि उनको सम्मानजनक तरीके से इस्तीफा देकर सत्ता से हट जाना चाहिए। इस बीच बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के बेटे ने सुरक्षा बलों से किसी भी अनिर्वाचित सरकार को सत्ता में आने से रोकने का आग्रह किया है।
PM Sheikh Hasina Resigne Latest News : यह घटना ऐसे समय में हुई है जब बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकर-उज-जमान कल भीषण झड़पों में 98 लोगों के मारे जाने के बाद राष्ट्र को संबोधित करने वाले हैं। इसके साथ ही पिछले महीने शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों से अब तक मरने वालों की संख्या 300 से अधिक हो गई है। हिंसक झड़प के बाद देश के कई हिस्सों में सेना को तैनात किया गया है।
प्रदर्शनकारियों ने आज दोपहर करीब 3:00 बजे गोनोभबन के दरवाजे खोल दिए और प्रधानमंत्री आवास के परिसर में घुस गए: बांग्लादेश के द डेली स्टार की रिपोर्ट pic.twitter.com/MNzpDFsAMq
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 5, 2024
बांग्लादेश के हालात ठीक वैसे ही बनते जा रहे हैं, जैसे कुछ समय पहले पाकिस्तान के थे। पाकिस्तान की तरह ही अंदरूनी कलह से जूझ रहे बांग्लादेश में लॉन्ग मार्च का आह्वान किया। छात्र नेताओं ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर सविनय अवज्ञा आंदोलन की घोषणा की।
बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था के मुद्दे पर बवाल शुरू हुआ. और ऐसा नहीं है कि ये अचानक से आज-कल में ही शुरू हुआ। पहले भी इसको लेकर विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं। प्रदर्शनकारी इस कथित विवादास्पद रिजर्वेशन सिस्टम को खत्म करने की मांग कर थे, जिसके तहत बांग्लादेश मुक्ति संग्राम (1971) में हिस्सा लेने वाले लड़ाकों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30% आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है।
रविवार को सरकार के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ के बैनर तले आयोजित ‘असहयोग आंदोलन’ में भाग लेने पहुंचे। अवामी लीग, छात्र लीग और जुबो लीग के कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध किया और फिर दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई।