ओटावा, 10 नवंबर (भाषा) कनाडा के ब्रैम्पटन स्थित एक हिंदू मंदिर में हिंसक प्रदर्शन के दौरान हमला करने के मामले में कनाडा पुलिस ने 35 वर्षीय एक स्थानीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
तीन नवंबर को ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में एक विरोध प्रदर्शन हुआ, जिसके सोशल मीडिया पर वायरल अपुष्ट वीडियो में प्रदर्शनकारियों को खालिस्तान के समर्थन में बैनर पकड़े हुए देखा गया।
वीडियो में हाथापाई और लोगों को मंदिर के आस-पास एक-दूसरे पर डंडे से वार करते हुए भी देखा जा सकता है।
शनिवार को जारी एक बयान में कहा गया कि पील की क्षेत्रीय पुलिस ने मंदिर में प्रदर्शन के दौरान हुई झड़प पर कार्रवाई की।
पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान हुई कई घटनाओं की जांच शुरू कर दी है, जिनके वीडियो में यह देखा जा सकता है कि लोगों पर झंडों और लाठियों से हमले किये जा रहे हैं।
पील पुलिस के बयान में कहा गया है कि 21 डिवीजन आपराधिक जांच ब्यूरो और ‘स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी)’ के जांचकर्ताओं ने ब्रैम्पटन के इंद्रजीत गोसल को गिरफ्तार किया है और हथियार से हमला करने का उस पर आरोप है।
‘टोरंटो स्टार’ की खबर के अनुसार, गोसल कनाडा में ‘सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे)’ का समन्वयक हैं। एसएफजे भारत में प्रतिबंधित है।
बयान में कहा गया कि गोसल को आठ नवंबर को गिरफ्तार किया गया। उस पर हथियार से हमला करने का आरोप है। गोसल को सशर्त रिहा किया गया है और उसे बाद में ब्रैम्पटन स्थित ‘ओंटारियो कोर्ट ऑफ जस्टिस’ में पेश होना होगा।
तीन और चार नवंबर की घटनाओं के दौरान हुई आपराधिक घटनाओं की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है।
तीन नवंबर को खालिस्तानी झंडे लेकर आए प्रदर्शनकारियों की लोगों के साथ झड़प हुई और उन्होंने मंदिर प्राधिकारियों तथा भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक कार्यक्रम में बाधा डाली।
रविवार की घटना की कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निंदा की और कहा कि कनाडा के प्रत्येक नागरिक को अपने धर्म का स्वतंत्रतापूर्वक और सुरक्षित तरीके से आचरण करने का अधिकार है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि नयी दिल्ली, कनाडा में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित है।
भाषा योगेश सुभाष
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