(सज्जाद हुसैन)
इस्लामाबाद, 28 नवंबर (भाषा) पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार एवं यूट्यूबर मतीउल्लाह जान को इस्लामाबाद में एक सुरक्षा चौकी पर विवाद के बाद गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
हालांकि, जान के बेटे ने आरोप लगाया कि उनके पिता और उनके कैमरामैन साकिब बशीर का बुधवार देर रात पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की पार्किंग से अज्ञात लोगों ने ‘‘अपहरण’’ कर लिया जहां वे पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़पों के दौरान घायल हुए लोगों की कवरेज के लिए गए थे।
प्राथमिकी के अनुसार, जान को सेक्टर ई-9 में एक सुरक्षा चौकी पर पुलिस पर कार चढ़ाने की कोशिश करने के बाद गिरफ्तार किया गया और इस घटना में एक कांस्टेबल घायल हो गया।
प्राथमिकी में कहा गया कि जब पुलिस ने वाहन के सामने अवरोधक लगाकर उसे जबरन रोका तो चालक ने उतरकर पुलिस का हथियार छीन लिया और मौजूद अधिकारियों पर हमला कर दिया।
इसमें कहा गया कि पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया और पता चला कि वह मतीउल्लाह जान नाम का व्यक्ति है।
पुलिस ने दावा किया कि उनकी कार की तलाशी लेने पर उसमें से 246 ग्राम ‘‘आइस’’ नाम का मादक पदार्थ बरामद हुआ।
जान के बेटे अब्दुल रज्जाक ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपने पिता के खाते से पोस्ट किए गए वीडियो में आरोप लगाया, ‘‘अज्ञात वाहन में आए अज्ञात लोग उन्हें ले गए।’’
हालांकि, बाद में बशीर को छोड़ दिया और उसने जान के परिवार को घटना के बारे में जानकारी दी।
रज्जाक ने अपने पिता की तत्काल रिहाई की मांग की है।
रज्जाक ने आरोप लगाया कि उनके पिता को पाकिस्तान में जारी राजनीतिक घटनाक्रम से जनता को ‘सूचित’ करने के लिए गिरफ्तार किया गया जो तड़के तीन बजे रिपोर्टिंग कर रहे थे।
एंकर मुनीजा जहांगीर ने कहा कि जान ‘‘विरोध प्रदर्शन में घायल हुए और गोली लगने से मारे गए लोगों के बारे में अस्पतालों से रिपोर्टिंग कर रहे थे और लगता है कि इसीलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया है।’’
हालांकि, मानवाधिकार वकील इमान मज़ारी-हाज़िर ने कहा कि वह पुलिस स्टेशन गईं लेकिन पत्रकार वहाँ नहीं था।
इमान ने एक्स पर कहा, ‘मार्गल्ला पुलिस स्टेशन में पुलिस से हमें अपने मुवक्किल मतीउल्लाह जान तक पहुंचने की अनुमति देने की गुहार लगाने के बाद आखिरकार हमें अंदर जाने की इजाजत दे दी गई।’
वकील ने कहा कि उन्होंने खुद लॉक-अप की जांच की और “अंदर बंद लोगों ने मुझे बताया कि हमारे आने से ठीक पहले पुलिस मतीउल्लाह जान को ले गई थी। वह लापता है।”
भाषा
खारी नरेश
नरेश