मेलबर्न, एक नवंबर (एपी) ऑस्ट्रेलिया के एक न्यायाधीश ने शुक्रवार को फैसला सुनाया कि आव्रजन विरोधी पार्टी की नेता सीनेटर पॉलीन हैनसन ने पाकिस्तान में जन्मी सीनेटर मेहरीन फारुकी को अपने देश वापस लौटने के लिए कहकर नस्ली भेदभाव कानून का उल्लंघन किया है।
फारुकी ने 2022 में सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा किए गए एक बयान को लेकर हैनसन के खिलाफ नस्ली भेदभाव अधिनियम के उस प्रावधान के तहत संघीय न्यायालय में मुकदमा दायर किया था जो लोगों को उनकी नस्ल, रंग, राष्ट्रीय या जातीय मूल के आधार पर अपमानित करने या उन्हें डराने वाले सार्वजनिक बयान देने या कार्य करने पर प्रतिबंध लगाता है।
‘ऑस्ट्रेलियन ग्रीन्स पार्टी’ की उपनेता फारुकी ने महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन की खबर आने के बाद ‘एक्स’ पर लिखा था, ‘‘मैं ऐसे नस्लवादी साम्राज्य की नेता के लिए शोक नहीं मना सकती जो औपनिवेशिक लोगों से चुराए गए धन, जीवन एवं भूमि पर बना है।’’
‘वन नेशन पार्टी’ की 70 वर्षीय नेता हैनसन ने इसका जवाब दिया कि फारुकी ऑस्ट्रेलिया का ‘‘लाभ’’ उठाने के लिए आई हैं और उन्होंने लाहौर में जन्मी मुस्लिम नेता को अपशब्द कहते हुए पाकिस्तान लौटने के लिए कहा था।
न्यायमूर्ति एंग्स स्टीवर्ट ने पाया कि हैनसन ने ‘‘गंभीर रूप से आक्रामक’’ और डराने वाला व्यवहार किया।
स्टीवर्ट ने कहा कि यह टिप्पणी नस्लवादी और मुस्लिम विरोधी है।
स्टीवर्ट ने हैनसन को आपत्तिजनक पोस्ट हटाने और फारुकी की कानूनी लागत का भुगतान करने का आदेश दिया।
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सिम्मी नरेश
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