स्कॉटलैंड की सिख कलाकार जसलीन कौर ने प्रतिष्ठित टर्नर पुरस्कार 2024 जीता

स्कॉटलैंड की सिख कलाकार जसलीन कौर ने प्रतिष्ठित टर्नर पुरस्कार 2024 जीता

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  • Publish Date - December 4, 2024 / 05:51 PM IST,
    Updated On - December 4, 2024 / 05:51 PM IST

लंदन, 4 दिसंबर (भाषा) ग्लासगो में जन्मी भारतीय मूल की कलाकार जसलीन कौर ने ‘व्यक्तिगत, राजनीतिक और आध्यात्मिक’ पहलुओं को एक साथ पिरोने के लिए ब्रिटेन का प्रतिष्ठित टर्नर पुरस्कार 2024 जीता है।

जसलीन की कृतियां स्कॉटलैंड के सिख समुदाय में पलने-बढ़ने के दौरान की उनकी जिंदगी से प्रेरित हैं।

कौर को मंगलवार रात लंदन के टेट ब्रिटेन में आयोजित एक समारोह में अपनी एकल प्रदर्शनी ‘ऑल्टर ऑल्टर’ के लिए लगभग 26.84 लाख रुपये का पुरस्कार मिला।

इस प्रदर्शनी में एकत्रित और पुनः निर्मित वस्तुओं से मूर्तियां बनाई गई थीं, जिनमें से प्रत्येक को कलाकार की प्रस्तुतियों के साथ संगीत रचना के माध्यम से ‘एनिमेटेड’ किया गया था।

टर्नर पुरस्कार निर्णायक मंडल ने कहा कि उन्होंने कौर को रोजमर्रा की वस्तुओं पर उनके विचारों के लिए चुना जिसमें उन्होंने ध्वनि और संगीत के माध्यम से उन्हें जीवंत करके ‘सामुदायिक और सांस्कृतिक विरासत’ को सामने रखा।

टर्नर पुरस्कार की ज्यूरी ने एक बयान में कहा, ‘निर्णायक मंडल ने इस बात पर गौर किया कि कौर ने कैसे अपनी प्रदर्शनी ‘ऑल्टर ऑल्टर’ में व्यक्तिगत, राजनीतिक और आध्यात्मिक पहलुओं को एक साथ पिरोया है तथा एक दृश्य और श्रव्य अनुभव का निर्देशन किया है जो एकजुटता और खुशी दोनों का संकेत देता है।’

कौर ने पुरस्कार मिलने पर कहा, ‘आज मुझे स्थानीय सिख समुदाय और उन लोगों से बहुत सारे संदेश मिले हैं जिनके साथ मैं बड़ी हुई हूं। इस तरह की चीज बहुत से लोगों के लिए बहुत मायने रखती है। यह विभिन्न समूहों के लिए मायने रखती है और मैं उन सभी का प्रतिनिधित्व करने के लिए तैयार हूं।’

दृश्य कला के लिए दुनिया के सबसे प्रसिद्ध पुरस्कारों में से एक टर्नर पुरस्कार का उद्देश्य समकालीन ब्रिटिश कला में नए विकास के बारे में सार्वजनिक बहस को बढ़ावा देना है।

1984 में स्थापित इस पुरस्कार का नाम क्रांतिकारी चित्रकार जेएमडब्लू टर्नर (1775-1851) के नाम पर रखा गया है और यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष किसी ब्रिटिश कलाकार को उसके काम की उत्कृष्ट प्रदर्शनी या अन्य प्रस्तुति के लिए दिया जाता है। इसके पूर्व विजेताओं में ब्रिटिश भारतीय मूर्तिकार अनीश कपूर भी शामिल हैं।

भाषा

शुभम नरेश

नरेश