वैज्ञानिकों ने हाल ही में दुनिया के सबसे ताकवर व्यक्ति पर किया अध्ययन, जानिए क्या पता चला

वैज्ञानिकों ने हाल ही में दुनिया के सबसे ताकवर व्यक्ति पर किया अध्ययन, जानिए क्या पता चला

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  • Publish Date - September 30, 2024 / 04:23 PM IST,
    Updated On - September 30, 2024 / 04:23 PM IST

(जस्टिन कियोग, बांड विश्वविद्यालय/ टॉम बॉलशॉ, लूफबॉरो विश्वविद्यालय)

गोल्ड कोस्ट, 30 सितंबर (द कन्वरसेशन) दुनियाभर की कई संस्कृतियों में किसी के “अलौकिक” ताकत हासिल करने को लंबे समय से अच्छा माना जाता रहा है।

इतिहास को दर्ज किए जाने की शुरुआत से पहले से लेकर आज तक शिकार, बड़ी इमारतों व स्मारकों का निर्माण, युद्ध और खेल समेत जीवन के कई पहलुओं में शारीरिक तंदरुस्ती का महत्व झलकता है।

मानव शक्ति और सामर्थ्य का वर्तमान शिखर संभवतः ताकतवर लोगों यानी ‘स्ट्रांगमैन’ के खेल में प्रदर्शित होता है।

ताकतवर लोगों की प्रतियोगिताएं अधिक आम होती जा रही हैं। विभिन्न आयु और क्षमता के पुरुष व महिलाएं अब क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते हैं।

स्ट्रांगमैन के प्रशिक्षण व प्रतियोगिताओं में आमतौर पर पारंपरिक ‘बारबेल’ आधारित व्यायाम जैसे ‘स्क्वाट्स’, ‘डेडलिफ्ट्स’ और ‘प्रेस’ शामिल होते हैं, लेकिन इसके अलावा विशिष्ट स्ट्रांगमैन स्पर्धाएं भी आयोजित की जाती हैं।

विशिष्ट स्ट्रांगमैन स्पर्धाओं में अक्सर प्रतियोगियों को अपने प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में एक निश्चित समयावधि में कई प्रकार के अजीब, भारी उपकरणों पर ताकत आजमानी होती है। इन स्पर्धाओं में वाहन खींचना, भारी वजन उठाकर चलना, रेत की बोरी या पत्थर उठाना, भारी वजन उठाकर पीछे फेंकना (केग टॉस) आदि शामिल हैं।

1970 के दशक के अंत में ‘वर्ल्ड स्ट्रांगेस्ट मैन’ प्रतियोगिता की शुरूआत हुई, जिसके बाद से स्ट्रांगमैन की विशेषताओं में पर्याप्त वृद्धि और विकास हुआ।

हालांकि, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, उच्च स्तरीय एथलीटों पर केंद्रित बहुत कम अध्ययन प्रकाशित हुए हैं।

फिलहाल इन एथलीटों के मांसपेशी द्रव्यमान की मात्रा के बारे में बहुत कम जानकारी है। इसकी भी जानकारी नहीं है कि उनका द्रव्यमान अलग-अलग मांसपेशियों में किस प्रकार विभाजित है और उनकी कण्डरा (टेंडन) विशेषताएं उन लोगों से किस हद तक भिन्न हैं जो प्रशिक्षण नहीं ले रहे हैं।

हाल ही में हुए एक अध्ययन में इन एथलीटों की शारीरिक विशेषताओं पर कुछ प्रकाश डालने का प्रयास किया गया है। इस अध्ययन में दुनिया के सबसे ताकतवर पुरुषों में से एक – इंग्लैंड के एडी हॉल की मांसपेशियों और कंडरा आकृति (संरचना) की पड़ताल की गई।

हॉल ने ‘डेडलिफ्ट’ में 500 किलोग्राम भार उठाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया था और 2017 में शारीरिक रूप से “विश्व का सबसे ताकतवर व्यक्ति” प्रतियोगिता जीती थी।

हॉल जैसे असाधारण रूप से ताकतवर व्यक्ति पर किए गए अध्ययन से यह समझने का अवसर मिला कि उनकी अविश्वसनीय ताकत में कौन सी विशिष्ट मांसपेशी और कंडराओं ने अपना योगदान दिया।

अध्ययन से हमें क्या पता चला?

कुछ ही एथलीट ‘स्ट्रांगमैन’ की परिभाषा के स्तर तक पहुंच पाते हैं, और उनमें से भी बहुत कम विश्व रिकॉर्ड स्थापित कर पाते हैं या प्रमुख स्पर्धाएं जीत पाते हैं।

ऐसे चुनिंदा एथलीटों को अध्ययन में शामिल होने के लिए तैयार करना बहुत मुश्किल होता है। लिहाजा हॉल जैसे एक अत्यंत ताकतवर व्यक्ति पर अध्ययन करने से उसकी मांसपेशियों और कंडरा विशेषताओं के बारे में अधिक समझने का एक अनूठा अवसर मिला।

अध्ययन की कई सीमाएं होती हैं। हालांकि, हॉल पर किया गया अध्ययन ज्ञानवर्धक था। अध्ययन के दौरान उनकी मांसपेशी और कंडराओं की तुलना उन लोगों से की गई जो पहले हुए अध्ययन में शामिल रहे लोगों से की गई। इन समूहों में अप्रशिक्षित लोग, कई वर्षों से नियमित रूप से प्रतिरोधी प्रशिक्षण लेने वाले लोग, तथा प्रतिस्पर्धी धावक शामिल थे।

हॉल के शरीर के निचले हिस्से की मांसपेशियों का आकार प्रशिक्षण प्राप्त न करने वाले स्वस्थ व युवा पुरुषों की मांसपेशियों के आकार की तुलना में लगभग दोगुना था।

और उनके शरीर के निचले भाग में विभाजित उनकी मांसपेशियों का द्रव्यमान बहुत ही विशिष्ट था। तीन लंबी पतली मांसपेशियां, जिन्हें “गाइ रोप्स” कहा जाता है, अप्रशिक्षित लोगों की तुलना में विशेष रूप से बड़ी (लगभग 2.5 से तीन गुना बड़ी) थीं।

‘गाइ रोप’ मांसपेशियां एक साझा कंडरा के माध्यम से पिंडली की हड्डी से जुड़ी होती हैं और विभिन्न स्थानों पर ‘पेल्विस’ से जुड़कर जांघ और कूल्हों को स्थिरता प्रदान करती हैं।

अत्यधिक विकसित गाइ रोप मांसपेशियों से भारी वजन उठाने, ले जाने और खींचने में बेहतर स्थिरता की उम्मीद की जाती है।

हॉल की जांघ (क्वाड्रिसेप्स) की मांसपेशीय संरचना अप्रशिक्षित लोगों की तुलना में दोगुनी से भी अधिक थी, फिर भी घुटने पर स्थित, इस मांसपेशीय समूह से जुड़ा टेंडन अप्रशिक्षित लोगों की तुलना में केवल 30 प्रतिशत ही बड़ा था।

इन परिणामों का स्पष्ट अर्थ यह है कि संबंधित मांसपेशियां जितनी बड़ी होंगी ऊर्जा व ताकत की संभावना उतनी ही अधिक होगी।

( द कन्वरसेशन) जोहेब मनीषा

मनीषा