लाहौर, 26 दिसंबर (भाषा) पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के लाहौर शहर में शहीद उधम सिंह की 125वीं जयंती मनाई गई और इस अवसर पर केक काटा गया।
उधम सिंह ने अमृतसर में 13 अप्रैल 1919 को हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड का बदला लेने के लिए पंजाब के तत्कालीन लेफ्टिनेंट गवर्नर रहे माइकल ओड्वायर को लंदन जाकर 13 मार्च 1940 में गोली से उड़ा दिया था।
बाद में, सिंह पर मुकदमा चलाया गया और उन्हें हत्या का दोषी ठहराया गया तथा 31 जुलाई 1940 को 40 साल की उम्र में उन्हें फांसी दे दी गई।
संबंधित घटनाक्रम तब हुआ था जब भारत अविभाजित था।
लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) के डेमोक्रेटिक लॉन में भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन पाकिस्तान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में वरिष्ठ वकील शामिल हुए।
सिंह अपनी उपनिवेशवाद-विरोधी भावना और भारत में तीन प्रमुख धर्मों का प्रतिनिधित्व करने के लिए अपना नाम ‘राम मोहम्मद सिंह आजाद’ बताते थे।
भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन के प्रमुख इम्तियाज रशीद कुरैशी ने कहा कि शहीद बैरिस्टर सरदार उधम सिंह आज भी उनके दिलों में जीवित हैं।
कुरैशी ने कहा, ‘‘सिंह बहुत बहादुर व्यक्ति थे जिन्होंने जलियांवाला बाग नरसंहार का बदला लिया।’’ उन्होंने मांग की कि सिंह की स्मृति में डाक टिकट और सिक्का जारी किया जाना चाहिए।
उच्चतम न्यायालय के वकील राजा जुल्करनैन और पाकिस्तान-भारत बिजनेस फोरम के अध्यक्ष नूर मुहम्मद कसूरी ने सिंह को शिक्षा पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की मांग की।
कसूरी ने यह भी मांग की कि एक प्रमुख राजमार्ग का नाम सिंह के नाम पर रखा जाना चाहिए।
भाषा नेत्रपाल माधव
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