Russia Ukraine war: वॉशिंगटन: अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के चीफ विलियम बर्न्स ने पीएम नरेंद्र मोदी की जमकर प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों का रूस पर बड़ा प्रभाव पड़ा। जिसकी वजह से यूक्रेन युद्ध के दौरान एक वैश्विक आपदा को टाला जा सका है।
अमेरिकी मीडिया पीबीएस को दिए इंटरव्यू में विलियम बर्न्स ने कहा कि मुझे लगता है यह काफी उपयोगी रहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग ने परमाणु हथियारों के उपयोग के बारे में अपनी चिंताओं को जाहिर किया है। मुझे लगता है कि इसका रूस पर प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि धमकियां देना सिर्फ डराने की कोशिश होती है। आज हमें यूक्रेन के खिलाफ टेक्टिकल न्यूक्लियर वेपन के इस्तेमाल की योजना के कोई स्पष्ट सबूत नहीं मिल रहे।
सीआईए प्रमुख ने ऐसे वक्ता में बयान दिया है, जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 3 दिसंबर को स्वीकार किया था कि इस संघर्ष में थोड़ा और समय लगने वाला है। उन्होंने परमाणु युद्ध के खतरे के बढ़ने की भी चेतावनी दी थी। क्रेमलिन में रूसी मानवाधिकार परिषद की बैठक में पुतिन ने कहा था कि रूस सभी उपलब्ध संसाधनों के साथ लड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि वह रूस के परमाणु शस्त्रागार को उकसावे के बजाए बचाव का उपाय मानते हैं।
पुतिन ने कुछ दिनों पहले ही धमकी दी थी कि रूस पर परमाणु हमला करने वाले देश का नामोंनिशान मिटा दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अब रूस भी अपने दुश्मन पर पहले हमला करने की अमेरिका वाली रणनीति अपना सकता है। यह सिर्फ अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए किया जाएगा। पुतिन ने यह भी ऐलान किया है कि रूस किसी भी परिस्थिति में पहले परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेगा। इसका मतलब यह है कि हम हमला होने की स्थिति में जवाबी कार्रवाई के हालात में भी मुश्किल से ही रहेंगे। अगर हमारे क्षेत्र पर हमला होता है तो जवाबी कार्रवाई की संभावना बहुत सीमित होगी।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत शुरू से ही बातचीत और कूटनीति के इस्तेमाल का आह्वान करता रहा है। 16 दिसंबर को व्लादिमीर पुतिन के साथ फोन पर चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत और कूटनीति के अपने आह्वान को दोहराया था। समरकंद में भी पुतिन से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि आज का युग युद्ध का नहीं है। इस पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने जवाब दिया था कि मैं यूक्रेन संघर्ष पर आपकी स्थिति के बारे में जानता हूं। मैं आपकी चिंताओं के बारे में जानता हूं। हम चाहते हैं कि यह सब जल्द से जल्द खत्म हो।