वाशिंगटन, 22 जनवरी (एपी) अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान के अपने समकक्षों से मुलाकात की और इसी के साथ ट्रंप प्रशासन की विदेश नीति से जुड़े कामकाज की शुरुआत की।
चार देशों के समूह ‘क्वाड’ को क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता का मुकाबला करने या कम से कम उसे धीमा करने की पहल के रूप में देखा जाता है। चीन की बढ़ती मुखरता और आक्रामकता पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके पूर्ववर्तियों ने गहरी चिंता व्यक्त की है।
मंगलवार की बैठक ट्रंप के कार्यकाल के पहले दिन और रूबियो के अमेरिका के शीर्ष राजनयिक के रूप में शपथ लेने के कुछ ही घंटों बाद हुई। इससे स्पष्ट होता है कि ‘क्वाड’ ट्रंप के लिए प्राथमिकता बनी रहेगी।
‘क्वाड’ के चारों विदेश मंत्रियों — रूबियो, ऑस्ट्रेलिया की पेनी वोंग, भारत के एस जयशंकर या जापान के इवाया ताकेशी में से किसी ने भी विदेश मंत्रालय में अपनी बैठक की शुरुआत में बात नहीं की। इसके बजाय, वे पत्रकारों को बाहर भेजे जाने से पहले अपने-अपने झंडों के सामने चुप खड़े रहे।
समूह बैठक के बाद रूबियो को अन्य तीनों से अलग-अलग मिलना था।
‘क्वाड’ की स्थापना 2007 में उन देशों को साथ लाने के लिए की गई थी, जिन्होंने 2004 में हिंद महासागर में आए विनाशकारी भूकंप और सुनामी की प्रतिक्रिया में मिलकर काम किया था। इसके सदस्य इसकी कूटनीतिक प्रकृति और क्षेत्रीय मुद्दों पर व्यापक ध्यान केंद्रित करने पर जोर देते हैं, जिसमें बुनियादी ढांचा, मानवीय सहायता, आपदा राहत, जलवायु परिवर्तन और समुद्री सुरक्षा शामिल है।
भले ही सुरक्षा इसका एक हिस्सा है, लेकिन ‘क्वाड’ क्षेत्र में चीन की बढ़ती मुखरता और विशाल क्षेत्रीय दावों का मुकाबला करने की अमेरिकी रणनीति का एक प्रमुख घटक है, जिसमें रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण दक्षिण चीन सागर और ताइवान का लोकतांत्रिक स्वशासित द्वीप शामिल है।
एपी मनीषा शोभना
शोभना