बुडापेस्ट, सात अक्टूबर (एपी) इजराइल पर हमास के हमले का एक वर्ष पूरा होने को लेकर सोमवार को दुनिया भर के कई देशों में कई विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। साथ ही वैश्विक स्तर पर कई नेताओं ने ‘यहूदी-विरोध’ को समाप्त करने तथा इजराइली बंधकों की रिहाई का आह्वान किया।
पिछले साल सात अक्टूबर को हमास के लड़ाकों ने इजराइल की सीमा में घुसकर सैकड़ों लोगों को बंधक बना लिया था। हमास के हमले में करीब 1,200 लोग मारे गए थे। इसके बाद से इजराइल के गाजा पर हमले जारी हैं।
रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से जारी युद्ध के बीच इजराइल-हमास जंग से पश्चिम एशिया में तनाव और बढ़ गया।
यूरोपीय देशों, जहां यहूदी और मुस्लिम समुदाय के सदस्य रहते हैं, ने हमास के हमले और उसके बाद गाजा में उग्रवादियों के खिलाफ इजराइल के युद्ध के मद्देनजर ‘यहूदी विरोधी’ और ‘मुस्लिम विरोधी’ भावनाओं को दबाने का प्रयास किया है। पिछले साल अक्टूबर से जारी इस युद्ध में 41,000 से अधिक लोग मारे गए हैं और लगभग 19 लाख लोग युद्धग्रस्त क्षेत्र से विस्थापित हुए हैं।
हमास द्वारा बंधक बनाए गए इजराइली लोगों की याद में बर्लिन स्थित जर्मन चांसलरी के बाहर पीले रंग का एक रिबन लगाया गया। रिबन पर इजराइल पर हमले के दौरान मारे गए लोगों के नाम भी लिखे गए।
इनमें से लगभग 100 लोग अभी भी बंधक हैं और उनमें से कई के मारे जाने की आशंका है।
जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने रविवार को एक वीडियो संदेश में कहा कि ‘‘इजराइल पर अपने नृशंस हमले के साथ, हमास ने उसी समय फलस्तीनी लोगों के लिए भी तबाही मचा दी।’’
उन्होंने गाजा में संघर्ष विराम की आवश्यकता तथा पश्चिम एशिया में और भी व्यापक संघर्ष से बचने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों पर जोर दिया।
इजराइल के प्रति मजबूत समर्थन व्यक्त करने वालीं इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने रोम में मुख्य यहूदी उपासनाघर का दौरा किया। उन्होंने इजराइल के आत्मरक्षा के अधिकार का जिक्र करते हुए सात अक्टूबर के हमले में जान गंवाने वालों को याद किया।
मेलोनी ने गाजा में इजराइली सेना द्वारा की गई तबाही पर भी दुख जताया।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने सोमवार को हमास हमले की पहली वर्षगांठ को लेकर ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘दर्द अभी भी उतना ही ज्वलंत है, जितना एक साल पहले था। इजराइल के लोगों का दर्द। घायल मानवता का दर्द।’’
उन्होंने बंधकों की रिहाई का इंतजार कर रहे परिजनों के प्रति भी सहानुभूति जताई।
हमले के एक साल पूरा होने पर बेल्जियम, स्पेन, ऑस्ट्रिया और हंगरी में भी कार्यक्रम आयोजित किए गए।
एपी शफीक माधव
माधव