ईरान: जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद से ईरान और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ गया है। तनाव बढ़ने के बाद ईरान ने बुधवार को ईराक स्थित अमेरिकी दूतावास में एक दर्जन से अधिक मिसाइलें दागी हैं। बताया जा रहा है कि ईरान ने उन्हीं ठिकानों को निशाना बनाया है, जहां अमेरिकी सेना के जवान रहते थे।
रक्षा सूत्रों ने एएफपी को बताया कि कम से कम नौ रॉकेट बुधवार तड़के देश के पश्चिम में स्थित इराकी एयरबेस को निशाना बनाते हुए दागे गए। इन ठिकानों पर अमेरिकी और उसके सहयोगी सेना रहते हैं। एईन अल-असद एयरबेस पर हमला पिछले हफ्ते बगदाद में ईरानी जनरल कासिम सोलेमानी और इराकी शीर्ष कमांडर अबू महदी अल-मुहांडिस की हत्या की प्रतिक्रिया में हुआ है।
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#WATCH: Iran launched over a dozen ballistic missiles at 5:30 p.m. (EST) on January 7 and targeted at least two Iraqi military bases hosting US military and coalition personnel at Al-Assad and Irbil, in Iraq. pic.twitter.com/xQkf9lG6AP
— ANI (@ANI) January 8, 2020
बुधवार को व्हाइट हाउस प्रेस सचिव स्टिफेन ग्रिशम ने ट्वीट किया है कि इराक में अमेरिकी ठिकानों पर हुए हमले की जानकारी हमें मिल चुकी है। राष्ट्रपति पूरे मामले पर ध्यान दे रहे हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के संपर्क में बने हुए हैं।
ज्ञात हो कि मंगलवार को ही सैयद हसन नस्रल्लाह ने धमकी भरे लहजे में कहा है कि अमेरिकी सैनिक ताबूत में घर लौटेंगे। अमेरिकी हमले में इराकी मिलिशिया के टॉप कमांडर के मारे जाने पर नस्रल्लाह ने कहा कि हत्या का जवाब देना केवल ईरान की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि उसके सहयोगियों की भी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि मगर अमेरिकी नागरिकों को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि साल 1985 में ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स द्वारा स्थापित लेबनानी संगठन हिजबुल्लाह एक ईरानी समर्थिक क्षेत्रीय सैन्य संगठन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
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