मॉस्को। रूस के कोरोना वैक्सीन के कारगर और सुरक्षित होने पर सवाल उठ रहे हैं।। इस वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन के दौरान रूसी सरकार ने जो दस्तावेज पेश किये हैं, उनके मुताबिक इस वैक्सीन के सुरक्षित होने पर ही सवाल खड़ा हो गया है। दस्तावेजों से जो सबसे अहम जानकारी मिली है उसके मुताबिक वैक्सीन कितनी सुरक्षित है, इसे जानने के लिए क्लीनिकल स्टडी पूरी ही नहीं हुई है।
Putin’s coronavirus vaccine ‘was approved after tests on only 38 people’ and ’causes side-effects’, documents reveal https://t.co/1Iec3LfnFW
— Daily Mail Online (@MailOnline) August 12, 2020
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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) समेत दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी पर गंभीर सवाल खड़े किये हैं। ट्रायल के नाम पर 42 दिन में मात्र 38 वॉलंटियर्स को ही इस वैक्सीन की डोज दी गई थी। इसके आलावा ये भी सामने आया है कि ट्रायल के तीसरे चरण पर रूस कोई जानकारी देने के लिए तैयार नहीं है, WHO ने भी ये सवाल उठाया है।
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रूसी सरकार का दावा है कि हल्के बुखार के अलावा कोई साइड इफेक्ट नहीं दिखे, जबकि दस्तावेज बताते हैं कि 38 वॉलंटियर्स में 144 तरह के साइड इफेक्ट देखे गए हैं। ट्रायल के 42 वें दिन भी 38 में से 31 वॉलंटियर्स इन साइडइफेक्ट से परेशान नज़र आया रहे थे। तीसरे ट्रायल में क्या हुआ इसकी जानकारी तो दस्तावेजों में दी ही नहीं गयी।
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हालांकि रूस का दावा है कि वैक्सीन ट्रायल के जो नतीजे सामने आए हैं उनमें बेहतर इम्युनिटी विकसित होने के प्रमाण मिले हैं। किसी वॉलंटियर में निगेटिव साइड इफेक्ट नहीं देखने को मिले हैं।
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सबसे बड़ा सवाल ये है कि रूस ने वैक्सीन से जुड़ी जानकारियां अभी तक WHO के साथ साझा नहीं की हैं इसलिए संगठन ने शक जाहिर किया है कि रूस ने वैक्सीन बनाने के लिए तय दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया है और इसलिए वह जानकारी नहीं देना चाहता।