Mashrafe Murtaza’s house set on fire : ढाका। बांग्लादेश के हालात लगातार बिगड़ते हा रहे हैं। आरक्षण के विरोध में उतरे प्रदर्शनकारियों ने देश के कई शहरों में आंदोलन छेड़ दिया है। तो वहीं सैकड़ों की तादात में प्रदर्शनकारी पीएम हाउस में घुसकर लूटपात मचा दी है। इतना ही नहीं शेख हसीना के कार्यालय में तक आग लगा दी है। शेख हसीना ने पीएम पद से इस्तीफा देकर बांग्लादेश से भारत आई गईं हैं और ऐसा माना जा रहा है कि देर रात वे लंदन के लिए रवाना होगी। तो वहीं बांग्लादेश हिंसा में अब तो क्रिकेट खिलाड़ी भी सुरक्षित नहीं दिखाई दे रहे हैं।
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Mashrafe Murtaza’s house set on fire : बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा के बीच, पूर्व कप्तान मशरफे मुर्तजा के घर को भी आग के हवाले कर दिया है। मशरफे मुर्तजा अवामी लीग के सांसद हैं। वह लंबे समय से शेख हसीना की पार्टी से जुड़े हुए हैं। बता दें कि प्रदर्शनकारी अब पूरे ढाका में फैलकर दंगा कर रहे हैं। उन्होंने जेसीबी के जरिए ढाका में तमाम जगहों पर लगी शेख मुजीबुर्रहमान की प्रतिमाएं तोड़ दी हैं। इसके अलावा विभिन्न सरकारी दफ्तरों में लगी शेख हसीना की फोटो भी फाड़कर हटाई जा रही हैं।
मशरफे मुर्तजा वनडे में बांग्लादेश के लिए सबसे ज्यादा मैचों में कप्तानी करने वाले खिलाड़ी हैं। उनके नेतृत्व में बांग्लादेशी टीम ने 2010 से 2020 के बीच 88 मैच खेले। इस दौरान टीम ने 50 मैच जीते और 36 हारे। मुर्तजा की कप्तानी में 2 मुकाबलों में नतीजा सामने नहीं आया। उन्हें 2009 में एक टेस्ट मैच में कप्तानी का मौका मिला। इस मैच में बांग्लादेश जीता था। 2014 से लेकर 2017 तक उन्होंने 28 टी20 मैचों में भी कप्तानी की। टीम को 10 में जीत और 17 में हार मिली। एक मैच में नतीजा सामने नहीं आया।
मुर्तजा को बांग्लादेश के लिए 36 टेस्ट मैचों में खेलने का मौका मिला। इस दौरान उन्होंने 78 विकेट लिए और 797 रन बनाए। वनडे की बात करें तो उन्होंने 220 मुकाबलों में 270 विकेट झटके। उन्होंने 1787 रन भी बनाए। टी20 में मुर्तजा के नाम 54 मैचों में 42 विकेट और 377 रन हैं।
बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था के मुद्दे पर बवाल शुरू हुआ। और ऐसा नहीं है कि ये अचानक से आज-कल में ही शुरू हुआ। पहले भी इसको लेकर विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं। प्रदर्शनकारी इस कथित विवादास्पद रिजर्वेशन सिस्टम को खत्म करने की मांग कर थे, जिसके तहत बांग्लादेश मुक्ति संग्राम (1971) में हिस्सा लेने वाले लड़ाकों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30% आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है।
रविवार को सरकार के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ के बैनर तले आयोजित ‘असहयोग आंदोलन’ में भाग लेने पहुंचे। अवामी लीग, छात्र लीग और जुबो लीग के कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध किया और फिर दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई।
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