ढाका, आठ दिसंबर (भाषा) बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की तीनों शाखाओं ने भारत के अगरतला स्थिति देश के राजनयिक मिशन में कथित तोड़फोड़ के खिलाफ रविवार को विरोध मार्च निकाला और यहां स्थित भारतीय उच्चायोग को एक ज्ञापन सौंपा।
बांग्लादेश में हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे लोगों के एक समूह ने पिछले सप्ताह त्रिपुरा के अगरतला स्थिति बांग्लादेश सहायक उच्चायोग के परिसर में घुसने की कोशिश की थी। भारत ने उक्त घटना को ‘बेहद खेदजनक’ बताया था।
बीएनपी की छात्र, युवा और स्वयंसेवी शाखा के बैनर तले प्रदर्शनकारी राजधानी के मध्य भाग में पार्टी के नया पलटन केंद्रीय कार्यालय से बारीधारा राजनयिक एन्क्लेव स्थित भारतीय उच्चायोग की ओर मार्च निकाला।
पुलिस ने हालांकि उन्हें उच्चायोग से कई किलोमीटर पहले रामपुरा इलाके में ही रोक दिया।
प्रदर्शनकारियों के छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को ज्ञापन सौंपने के लिए भारतीय उच्चायोग जाने की अनुमति दी गई।
स्थानीय मीडिया के मुताबिक बीएनपी की तीन शाखाओं के छह नेता प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। इनमें युवा दल के अध्यक्ष अब्दुल मोनयम मुन्ना व महासचिव नूरुल इस्लाम नोयन, छात्र दल के अध्यक्ष रकीबुल इस्लाम रकीब व महासचिव नासिर उद्दीन तथा स्वयंसेवी दल के अध्यक्ष एसएम जिलानी व महासचिव राजीब अहसन शामिल थे।
टीम ने भारतीय उच्चायोग के एक अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
बीएनपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष मुन्ना ने ज्ञापन सौंपने के बाद कहा, “हमने भारत में हमारे मिशन पर हमले और हमारे राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का विरोध करते हुए अपना ज्ञापन सौंपा है।”
उन्होंने कहा, “हम किसी भी अस्थिरता में विश्वास नहीं करते और हम बहुत संयंमित हैं। हमारा कोई आका नहीं है केवल मित्र हैं। हम आक्रामकता में विश्वास नहीं करते।”
भाषा जितेंद्र धीरज
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