प्रधानमंत्री मोदी ने कीव की पहली यात्रा के दौरान यूक्रेन को ‘भीष्म क्यूब’ भेंट किए

प्रधानमंत्री मोदी ने कीव की पहली यात्रा के दौरान यूक्रेन को ‘भीष्म क्यूब’ भेंट किए

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  • Publish Date - August 23, 2024 / 09:12 PM IST,
    Updated On - August 23, 2024 / 09:12 PM IST

(तस्वीरों के साथ)

कीव/नयी दिल्ली, 23 अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को यूक्रेन की अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की और सरकार को चार भीष्म (भारत स्वास्थ्य सहयोग हित और मैत्री पहल) क्यूब्स भेंट किए।

प्रधानमंत्री सुबह पोलैंड से विशेष ट्रेन से कीव पहुंचे और वहां यूक्रेन के प्रथम उपप्रधानमंत्री ने उनका स्वागत किया।

विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि मोदी ने यूक्रेन सरकार को चार ‘भीष्म क्यूब्स’ भेंट किए। इसमें कहा गया कि जेलेंस्की ने क्यूब्स की मानवीय सहायता के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया, जिससे घायलों के उपचार में तेजी आएगी और बहुमूल्य जीवन बचाने में मदद मिलेगी।

बयान में कहा गया है कि प्रत्येक भीष्म क्यूब में सभी प्रकार की चोटों और चिकित्सा स्थितियों के लिए प्राथमिक देखभाल से जुड़ी दवाइयां और उपकरण शामिल हैं।

बयान के मुताबिक, “इसमें बुनियादी ऑपरेशन कक्ष के लिए सर्जिकल उपकरण भी शामिल हैं जो प्रतिदिन 10-15 बुनियादी सर्जरी सुनिश्चित कर सकते हैं। ‘भीष्म क्यूब’ में तरह-तरह की आपातकालीन चिकित्सीय स्थिति जैसे आघात लगने, रक्तस्राव होने, जल जाने, हड्डी टूटने, इत्‍यादि के लगभग 200 मरीजों का इलाज करने की क्षमता है। इसमें सीमित मात्रा में अपनी जरूरत की बिजली और ऑक्सीजन भी उत्‍पन्‍न हो सकती है। यूक्रेन की चिकित्सा टीम को ‘भीष्म क्यूब’ के संचालन का प्रारंभिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए भारतीय विशेषज्ञों की एक टीम तैनात की गई है।”

इन क्यूब्स को एक ऐसे ढांचे पर रखा जाता है जो समायोज्य (अड्जस्टबल) एवं मजबूत होता है और वायु, समुद्र, भूमि तथा ड्रोन द्वारा लाया व ले जाया जा सकता है। वास्तव में, मिनी क्यूब्स को एक व्यक्ति द्वारा ले जाया जा सकता है, क्योंकि उनका अधिकतम वजन 20 किलोग्राम है।

यह पहल यूक्रेन को मानवीय सहायता प्रदान करने की भारत की निरंतर प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

प्रधानमंत्री ने कीव स्थित ‘स्कूल ऑफ ओरिएंटल स्टडीज’ में हिन्दी भाषा सीख रहे यूक्रेनी छात्रों से भी बातचीत की और दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी समझ को बढ़ावा देने में उनके योगदान की सराहना की।

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक अन्य बयान में कहा गया, “उन्होंने भारतीय संस्कृति और इतिहास को यूक्रेनी लोगों के करीब लाने के उनके प्रयासों की भी सराहना की।”

यूक्रेन के 1991 में स्वतंत्र होने के बाद यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की देश की पहली यात्रा है और यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब यूक्रेन ने हाल ही में रूसी क्षेत्र में आक्रामक सैन्य अभियान चला रखा है।

भाषा

प्रशांत सुरेश

सुरेश