रोम, 17 दिसंबर (एपी) पोप फ्रांसिस मंगलवार को 88 साल के हो गए और इस अवसर पर उनके बारे में कुछ खुलासे हुए। पोप फ्रांसिस की आगामी आत्मकथा के अंशों के अनुसार, 2021 में उनकी इराक यात्रा के दौरान आत्मघाती हमलावरों ने उन पर हमला करने की साजिश रची थी, हालांकि हमला करने से पहले ही हमलावरों को मार गिराया गया।
इतालवी दैनिक ‘कोरिएरे डेला सेरा’ ने मंगलवार को “होप: द ऑटोबायोग्राफी” के कुछ अंश प्रकाशित किए, जिसे अगले महीने 80 से अधिक देशों में जारी किया जा रहा है। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने भी मंगलवार को फ्रांसिस के 88वें जन्मदिन पर अन्य अंश प्रकाशित किए।
इतालवी अंशों में, फ्रांसिस ने इराक की अपनी ऐतिहासिक मार्च 2021 की यात्रा को याद किया, जो किसी पोप द्वारा की गई पहली यात्रा थी। इसके अनुसार उस समय कोविड-19 का प्रकोप था और सुरक्षा संबंधी चिंताएं बहुत अधिक थीं, खासकर मोसुल में। इसके अनुसार तबाह हो चुका उत्तरी शहर इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों का मुख्यालय था, जिसके भयानक शासन की वजह से ईसाई समुदाय के अधिकतर लोगों से क्षेत्र को खाली कर दिया था।
पुस्तक के अनुसार, जैसे ही फ्रांसिस बगदाद पहुंचे, ब्रिटिश खुफिया एजेंसियों ने इराकी पुलिस को सूचित किया कि विस्फोटक पहने एक महिला मोसुल की ओर जा रही है और पोप की यात्रा के दौरान खुद को विस्फोट करके उड़ाने की योजना बना रही है। फ्रांसिस ने किताब में कहा, ‘‘और एक ट्रक उसी इरादे से तेजी से उस ओर बढ़ रहा था।’’
उक्त यात्रा योजना के अनुसार, कड़ी सुरक्षा के बीच आगे बढ़ी। फ्रांसिस ने मोसुल के एक चर्च के मलबे के बीच खड़े होकर इराक के ईसाइयों से आग्रह किया कि वे मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा उनके विरुद्ध किए गए अन्याय को माफ कर दें तथा पुनर्निर्माण करें।
पुस्तक में फ्रांसिस ने कहा कि बाद में उन्होंने वेटिकन सुरक्षा दल से पूछा कि आत्मघाती हमलावरों का क्या हुआ। फ्रांसिस लिखते हैं, ‘‘कमांडर ने संक्षिप्त उत्तर दिया कि वे अब यहां नहीं हैं। इराकी पुलिस ने उन्हें रोक लिया और उन्हें विस्फोट करने के लिए बाध्य किया।’’
एपी अमित संतोष
संतोष