श्रीलंका में हिंसा को लेकर पुलिस ने सत्ताधारी दल के और सांसदों से पूछताछ की

श्रीलंका में हिंसा को लेकर पुलिस ने सत्ताधारी दल के और सांसदों से पूछताछ की

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  • Publish Date - May 19, 2022 / 04:35 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:49 PM IST

कोलंबो, 19 मई (भाषा) देश में सरकार विरोधी और सरकार समर्थक प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों को लेकर श्रीलंकाई पुलिस ने बृहस्पतिवार को सत्तारूढ़ एसएलपीपी संसदीय समूह के तीन और सदस्यों से पूछताछ की। इन झड़पों में कम से कम 10 लोगों की जान गई थी जबकि 200 से अधिक घायल हो गए।

श्रीलंका में बेहद खराब आर्थिक हालात के मद्देनजर महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री पद से हटाने की मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर नौ मई को उनके समर्थकों द्वारा हमला किया गया जिसके बाद देश में हिंसा भड़क गई।

पुलिस प्रवक्ता निहाल थलडुवा ने कहा कि पुलिस के सीआईडी जांचकर्ताओं के एक समूह ने आज संसद में तीन पूर्व मंत्रियों से पूछताछ की।

उनके दो साथी जिन्हें पहले गिरफ्तार किया गया था, उन्हें 25 मई तक के लिए हिरासत में लिया गया है।

थलडुवा ने कहा कि 1,059 लोगों को प्रदर्शनकारियों पर हमलों और सत्ताधारी सांसदों के खिलाफ हिंसा के लिए गिरफ्तार किया गया है। झड़प के दौरान करीब 78 सांसदों की संपत्ति में तोड़फोड़ व आगजनी की घटनाएं हुई थीं।

थलडुवा ने बताया कि हिंसा के दौरान गंभीर रूप से घायल एक व्यक्ति की बृहस्पतिवार को अस्पताल में मौत हो जाने से मृतक संख्या बढ़कर 10 हो गई है।

राजनेताओं पर समर्थकों को प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के लिए उकसाने का लगाया गया है। उनमें से कम से कम दो, एक पूर्व राज्य मंत्री और एक अन्य सांसद, जिनकी वीडियो फुटेज में हिंसा भड़काने वालों के रूप में पहचान की गई थी, को गिरफ्तार किया गया और उन्हें हिरासत में लिया गया।

सरकारी सांसदों ने पुलिस की निष्क्रियता को अपनी निजी संपत्तियों में आगजनी का कारण बताया।

उन्होंने विपक्षी जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया, जिसका मार्क्सवादी पार्टी ने खंडन किया।

भाषा

प्रशांत पवनेश

पवनेश