प्रधानमंत्री मोदी की रूस यात्रा से कई क्षेत्रों में ‘ठोस नतीजे’ निकलने की उम्मीद: रूस में भारत के राजदूत |

प्रधानमंत्री मोदी की रूस यात्रा से कई क्षेत्रों में ‘ठोस नतीजे’ निकलने की उम्मीद: रूस में भारत के राजदूत

प्रधानमंत्री मोदी की रूस यात्रा से कई क्षेत्रों में ‘ठोस नतीजे’ निकलने की उम्मीद: रूस में भारत के राजदूत

:   Modified Date:  July 8, 2024 / 05:20 PM IST, Published Date : July 8, 2024/5:20 pm IST

मास्को, आठ जुलाई (भाषा) रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रूस यात्रा और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी वार्ता द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक संबंधों तथा वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी अनुसंधान के कुछ नये क्षेत्रों पर केंद्रित होगी।

कुमार ने विश्वास जताया कि वार्ता से कई क्षेत्रों में ‘‘ठोस नतीजे’’ निकलेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति पुतिन के निमंत्रण पर 8 से 9 जुलाई तक मास्को में रहेंगे। फरवरी 2022 में मास्को द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण किये जाने के बाद यह मोदी की पहली रूस यात्रा होगी।

विदेश मंत्रालय ने सोमवार से शुरू हो रही उच्च स्तरीय यात्रा की घोषणा करते हुए बृहस्पतिवार को नयी दिल्ली में कहा कि दोनों नेता दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंधों की संपूर्ण समीक्षा करेंगे और आपसी हितों के समकालीन क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।

मोदी की यात्रा पर ‘पीटीआई-वीडियो’ से बात करते हुए रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार ने कहा कि व्यापार, आर्थिक और निवेश सहयोग तथा संपर्क पर व्यापक बातचीत मोदी की यात्रा के दौरान चर्चा का मुख्य केंद्र होगी। कुमार ने कहा, ‘यह दोनों देशों के बीच होने वाली वार्षिक शिखर बैठकों का हिस्सा है और इसलिए एजेंडा हमारे द्विपक्षीय संबंधों के सभी मुद्दों पर केंद्रित होगा।’

ऊर्जा और रक्षा के क्षेत्रों में संभावित निर्णयों के बारे में पूछे जाने पर, कुमार ने कहा, ‘हमारे पास कुछ दस्तावेज हैं जिन पर हम काम कर रहे हैं। उनमें से कुछ समझौते व्यापार और आर्थिक संबंधों से संबंधित हैं और साथ ही कनेक्टिविटी और वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान के कुछ नए क्षेत्रों से भी संबंधित हैं। इसलिए मुझे उम्मीद है कि इनमें से कई क्षेत्रों में हमें ठोस नतीजे मिलेंगे।’

कुमार ने सहमति जतायी कि व्यापार असंतुलन एक प्रमुख क्षेत्र बना हुआ है जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता है और प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान इस मामले पर चर्चा होने की संभावना है।

उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि ने ‘भारत के लिए एक घाटे की स्थिति पैदा कर दी है।’ उन्होंने उम्मीद जतायी कि कुछ निर्णय द्वारा इस मुद्दे का समाधान होने की संभावना है।

उन्होंने कहा, ‘इसलिए हम इन मुद्दों पर चर्चा करेंगे और वस्तु-वार के साथ-साथ मात्रा-वार भी व्यापार का विस्तार करने पर भी काम करेंगे। निर्यात के कुछ नये क्षेत्रों में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद, ऑटोमोबाइल घटक, इंजीनियरिंग सामान और फार्मास्यूटिकल्स शामिल हैं।’

यह लगभग पांच वर्षों में मोदी की पहली रूस यात्रा होगी। रूस की उनकी पिछली यात्रा 2019 में हुई थी, जब उन्होंने सुदूर पूर्व के शहर व्लादिवोस्तोक में एक आर्थिक सम्मेलन में भाग लिया था।

भारत के प्रधानमंत्री और रूस के राष्ट्रपति के बीच वार्षिक शिखर सम्मेलन दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी में सर्वोच्च संस्थागत संवाद तंत्र है।

अब तक भारत और रूस में बारी-बारी से 21 वार्षिक शिखर सम्मेलन हो चुके हैं। पिछला शिखर सम्मेलन 6 दिसंबर, 2021 को नयी दिल्ली में आयोजित किया गया था। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत आए थे।

जी7 मूल्य सीमा और कई पश्चिमी राजधानियों में खरीद को लेकर बढ़ती बेचैनी के बावजूद भारत का रियायती दर पर रूसी कच्चे तेल का आयात भी काफी बढ़ गया है।

रूस में स्थित भारतीय दूतावास ने बताया कि वाणिज्य विभाग के आंकड़े के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में, द्विपक्षीय व्यापार 65.70 अरब अमरीकी डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया।

भारत से निर्यात की जाने वाली प्रमुख वस्तुओं में फार्मास्यूटिकल्स, कार्बनिक रसायन, विद्युत मशीनरी और यांत्रिक उपकरण, लोहा और इस्पात शामिल हैं, जबकि रूस से आयात की जाने वाली प्रमुख वस्तुओं में तेल और पेट्रोलियम उत्पाद, उर्वरक, खनिज संसाधन, कीमती पत्थर और धातु, वनस्पति तेल आदि शामिल हैं।

रूस के मरमंस्क क्षेत्र (आर्कटिक) के उपाध्यक्ष स्टेपखनो गेनादी ने कहा कि संसाधन-समृद्ध आर्कटिक क्षेत्र की आर्थिक क्षमता का दोहन करने में भारत एक प्रमुख भूमिका निभा सकता है।

उन्होंने भारत-रूस मैत्री के महत्व पर प्रकाश डाला, रूसी आर्कटिक में परियोजनाओं के निर्माण पर भारत के जोर का उल्लेख किया।

भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार संबंधों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ाने के प्रयास में, गेनादी ने कहा, ‘हम पहले से ही मरमंस्क, उत्तरी बंदरगाह से मुंबई तक शुरू होने वाली परियोजना पर काम कर रहे हैं, जिसकी घोषणा पहले ही की जा चुकी है। अब हमने मरमंस्क से भारत के लिए कोयले से भरी एक ट्रेन भेजी है।’

रूस में एक भारतीय उद्योगपति ने रूस के साथ व्यापार के लिए चाबहार मार्ग को जल्द खोलने का आग्रह किया।

पेट्रोकेमिकल व्यवसाय से जुड़े उद्योगपति आर चक्रपाणि ने भारत, ईरान और रूस के बीच व्यापार के लाभ के लिए चाबहार मार्ग को तेजी से चालू करने का आग्रह किया है।

उन्होंने उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे का उपयोग करने के वास्ते हितधारकों को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ विशेष रियायतों की उम्मीद जतायी।

उन्होंने कहा, ‘रूस में उद्योगपतियों के रूप में, हम उम्मीद करते हैं कि चाबहार मार्ग बहुत जल्द शुरू हो और हम इस गलियारे में लगे लोगों के लिए कुछ विशेष रियायतें दे, जिसमें भारत और रूस में विशिष्ट निर्यात लाभ शामिल हैं।’

भारत द्वारा विकसित ईरान में चाबहार बंदरगाह से रूस और अन्य मध्य एशियाई देशों के साथ व्यापार सुविधाजनक बनने की उम्मीद है।

इस बीच, रूस में छात्रों को उम्मीद है कि मोदी की यात्रा से मॉस्को के साथ रिश्ते और मजबूत होंगे।

रूशियन प्रेसिडेंशियल एकेडमी ऑफ नेशनल इकोनॉमी एंड पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के छात्रों को उम्मीद है कि भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय वार्ता से दोनों देशों के बीच रिश्ते और मजबूत होंगे।

एक रूसी छात्र ने कहा, ‘यह हमारे लिए एक बड़ा दिन है। हमें उम्मीद है कि भारत और रूस के बीच संबंध और भी मजबूत होंगे। हमारे देशों के बीच एक लंबा इतिहास है और एक सफल रिश्ता है।’

भाषा अमित माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)