टोक्योः प्रधानमंत्री मोदी इन दिनों जापान दौरे पर हैं। यहां पीएम मोदी क्वाड नेताओं के एक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और ऑस्ट्रेलिया व जापान के प्रधानमंत्री शामिल होंगे। इससे पहले पीएम मोदी ने जापान में रह रहे भारतीय को संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टोक्यो में भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत करते हुए कहा, भारत और जापान स्वाभाविक भागीदार हैं। भारत की विकास यात्रा में जापान की अहम भूमिका रही है। जापान के साथ हमारे संबंध घनिष्ठता, आध्यात्मिकता, सहयोग और अपनेपन के हैं।’
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भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आपकी जापान में अपने परंपराओं और मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता रही है। हम लोग मातृभूमि से कभी दूरी नहीं बनने देते। भारतीय संस्कृति के साथ जापान के मूल्यों का विलय हुआ है। पीएम मोदी ने कहा कि जापान आकर मुझे हमेशा आपसे असीम प्रेम मिलता है और आपकी यह स्नेह वर्षा हर बार बढ़ती जा रही है। जो भारतीय यहां बसे उनका भारत से संबंध कायम है। भारतीय कर्मभूमि और जन्मभूमि से जुड़े रहते हैं।
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प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय समुदाय से कहा कि कोरोना संकट जब शुरू हुआ था तब किसी को पता नहीं था कि इसका असर क्या होगा, इसे कैसे नियंत्रित किया जाए। न ही इस बात का कोई आइडिया था कि वैक्सीन कब तक आएगी। इस बात पर भी शक था कि वैक्सीन आएगी भी कि नहीं आएगी। अनिश्चितता की इन परिस्थितियों के बीच भी भारत ने दुनिया के कई देशों में दवाएं भेजीं। पीएम मोदी ने कहा कि जब टीके उपलब्ध हुए तब भारत ने मेड इन इंडिया वैक्सीन अपने करोड़ों नागरिकों को उपलब्ध कराईं और दुनिया के 100 से अधिक देशों को भी भेजीं। अपनी स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए हम अभूतपूर्व निवेश कर रहे हैं। दूर-सुदूर क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए बड़ी संख्या में वेलनेस सेंटर बनाए जा रहे हैं।
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पीएम मोदी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत की आशा बहनों को डायरेक्टर जनरल्स- ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड से सम्मानित किया है। भारत की लाखों आशा बहनें, मैटेरनल केयर से लेकर वैक्सीनेशन तक, पोषण से लेकर स्वच्छता तक, देश के स्वास्थ्य अभियान को गति दे रही हैं। जलवायु परिवर्तन आज विश्व के सामने एक महत्वपूर्ण संकट बन गया है। हमने भारत में इसके स्थाई समाधान के लिए आगे बढ़कर काम किया है। भारत ने 2070 तक नेट जीरो के लिए प्रतिबद्धता जताई है। हमने इंटरनेशनल सोलर अलायंस जैसे वैश्विक पहल का भी नेतृत्व किया। आज दुनिया उस गति और पैमाने को महसूस कर रही है जिस पर भारत अपने बुनियादी ढांचे और क्षमता निर्माण को बढ़ा रहा है। जापान हमारी इस क्षमता के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भागीदार है।