सिंगापुर। बसों की छतों पर पौधे उगाकर ग्रीनरी को बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है। यह अनोखा काम शुरू हुआ है सिंगापुर में। जी हां यहां एशिया की पहली ग्रीन रूफटॉप बस सर्विस शुरू हुई है। और इस प्रोजेक्ट का नाम है गार्डन ऑन द मूव।
पर्यावरण के प्रति जागरुकता ने कई नए आयडियाज़ विकसित किए हैं। पेड़-पौधे अब जमीन पर ही नही उगाए जाते। घरों की छतों पर फसलों की खेती हो रही है। मेट्रो सिटी में पिलर पर पौधे लगाए जा रहे हैं। हवा को साफ करने और बढ़ते तापमान को कम करने के लिए ग्रीनरी बढ़ाने के ऐसे कई उपाय किए जा हैं।
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इसके साथ ही अब ग्रीन रूफटॉप बसों को शुरू करना निश्चित ही अनोखा है। इसके पीछे हवा को साफ करना और बसों के भीतर के तापमान को कम करने का मकसद है। सिंगापुर में बसों की छतों पर 1.8 की लंबाई और 1.5 मीटर की चौड़ाई वाले दो ग्रीन पैनल लगाए गए हैं। इन पैनल में मिट्टी का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
आमतौर पर मिट्टी का इस्तेमाल करने पर पैनल का वजन बढ़कर 250 से 300 किलो हो जाता। वजन कम रखने के लिए मिट्टी की जगह पर कार्बन फाइबर का इस्तेमाल किया गया है। इनका वजन 30-40 किलो के पास होता है। कार्बन फाइबर में पानी सोखने वाले रेशों की लेयर होती है। इसमें ज्यादा पानी देने की जरूरत भी नहीं पड़ती और घास जैसे छोटे पौधे बड़े आराम से उगते हैं।
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इस तरह की बसों में एसी की जरूरत नहीं होगी। ग्रीनरी की वजह से बस के अंदर का तापमान ऐसे ही कम रहेगा। ज्यादा गर्मी के दिनों में ग्रीन रूफटॉप बसों में भीतर का तापमान 20 से 30 डिग्री सेल्सियस तक कम हो सकता है। तापमान को मापने के लिए बसों के भीतर और बाहर सेंसर लगाए गए हैं। इसकी वजह से बसों को चलाने मे तेल, सीएनजी या बैटरी की खपत भी कम होगी।
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इसके मेंटनेंस में भी ज्यादा दिक्कत नहीं है। साल में दो या तीन बार इसके मेंटनेंस की जरूरत पड़ेगी। वहीं एक ग्रीन रूफ की कीमत करीब 10 हजार रुपए है। सिंगापुर में फिलहाल इसे ट्रायल के तौर पर तीन महीने तक चलाया जाएगा। फिर बाकी बसों में भी इसी तरह के प्रयोग किए जाएंगे। बसों की छत पर लगाए गए पौधों की खासियत ये है कि ये तेज हवा और धूप बर्दाश्त कर सकते हैं।
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